सीजी भास्कर 5 अगस्त
पश्चिम बंगाल के चक्रधरपुर रेल मंडल में एक दिल दहला देने वाली साजिश को वक्त रहते नाकाम कर दिया गया। अगर जरा सी भी चूक हो जाती, तो हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर हजारों जिंदगियों के लिए खतरा बन सकती थी ये साजिश।
क्या हुआ था?
सोमवार की सुबह मनोहरपुर थाना क्षेत्र के घाघरा गांव के पास रेलवे की थर्ड लाइन पर ड्यूटी कर रहे कीमैन की नजर कुछ बेहद खतरनाक पर पड़ी। उसने देखा कि लगभग 1.75 किलोमीटर तक रेल पटरी से पेंड्रोल क्लिप्स (रेल लाइन की चाबी) खोल दी गई थीं। ये वही हिस्से हैं जो रेल पटरियों को स्थिर रखते हैं — इनके बिना ट्रेन के पहिए पटरियों से उतर सकते हैं।
समय रहते खतरा टला
रेलवे किलोमीटर पोल संख्या 364/1A से 366/11A तक सभी क्लिप्स एक साथ खोलकर पास में ही फेंक दी गई थीं। कीमैन ने तुरंत सतर्कता दिखाई और पोसैता स्टेशन मास्टर को सूचना दी। महज कुछ मिनटों में थर्ड लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई। इसके बाद आरपीएफ, स्थानीय पुलिस, और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाल लिया।
कुछ ही घंटों में रेलवे टीम ने पूरी पटरियों की मरम्मत कर दी और दोबारा ट्रैक चालू कर दिया गया।
नक्सली हमले से जुड़ता नजर आ रहा है मामला
बड़ी बात ये है कि ये घटना सारंडा के जंगल क्षेत्र में हुई है, जो लंबे समय से नक्सली गतिविधियों का गढ़ माना जाता है। रविवार को ही करमपदा इलाके में नक्सलियों ने बम ब्लास्ट कर रेल पटरी को उड़ा दिया था, जिसमें एक रेलकर्मी की मौत और दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया था।
अब ठीक अगले दिन इस तरह 1.75 किलोमीटर तक पेंड्रोल क्लिप हटाना कोई मामूली छेड़छाड़ नहीं लगती। जांच एजेंसियां इसे भी एक संभावित नक्सली साजिश मान रही हैं।
क्यों है यह साजिश खतरनाक?
रेलवे एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इतनी लंबी दूरी तक रेल पटरियों से पेंड्रोल क्लिप्स निकाल देना, किसी बड़े ट्रेन एक्सीडेंट की ओर इशारा करता है। अगर कोई ट्रेन इस ट्रैक पर निकल जाती, तो वो बेपटरी होकर भीषण दुर्घटना का कारण बन सकती थी।
जांच जारी, सुरक्षा अलर्ट पर
इस घटना ने रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह अलर्ट मोड पर ला दिया है। आरपीएफ और जिला पुलिस जांच में जुटी है, और सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का पूरा शक है कि यह घटना भी रविवार के नक्सली हमले से सीधे जुड़ी हो सकती है।