सीजी भास्कर, 11 अगस्त |
रायपुर और बिलासपुर में धर्मांतरण को लेकर बवाल
छत्तीसगढ़ में रविवार को दो बड़े घटनाक्रम ने माहौल गरमा दिया। रायपुर और बिलासपुर में प्रार्थना सभा के दौरान धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए हिंदू संगठनों ने हंगामा किया। बिलासपुर में पुलिस ने एक मकान को सील कर दिया, जबकि रायपुर में एक युवक की पिटाई भी हुई।
बिलासपुर: प्रार्थना सभा में धर्मांतरण का आरोप, मकान सील
बिलासपुर के सिरगिट्टी थाना क्षेत्र के प्रगति नगर गली नंबर-2 में रविवार को प्रतिमा अल्फ्रेड के मकान में प्रार्थना सभा चल रही थी। इसमें किराएदार सरस्वती कुर्रे की बेटी संगीता श्रीवास, दामाद पवन श्रीवास, मुकेश हथठेल और एनी रोज मौजूद थे।
आरोप है कि यहां गरीब तबके के हिंदू युवाओं और महिलाओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रार्थना गीतों और प्रचार के माध्यम से प्रेरित किया जा रहा था।
सूचना मिलते ही हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता पहुंचे और विरोध किया। इस दौरान वहां मौजूद महिलाओं और युवतियों ने कहा कि वे अपनी इच्छा से प्रार्थना में शामिल हुई हैं और किसी दबाव में नहीं हैं।
पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद मकान को सील कर दिया और BNSS की धारा 299 व 353(1)(C) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की।
रायपुर: युवक की पिटाई और हंगामा
रायपुर के सरस्वती नगर थाना क्षेत्र के कुकुर बेड़ा में भी प्रार्थना सभा को लेकर विवाद हुआ। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि सभा के जरिए धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
पुलिस ने मौके से एक महिला समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया, लेकिन इस दौरान भीड़ ने एक युवक की थाने परिसर में ही पिटाई कर दी।
हिंदू संगठन का कहना है कि उन्होंने किसी को नहीं पीटा, बल्कि मोहल्लेवासी ही भागते हुए युवक को पकड़कर मारने लगे। पुलिस ने पीड़ितों को छुड़ाकर FIR दर्ज करने का आश्वासन दिया।
कांग्रेस का पलटवार: ‘धार्मिक स्वतंत्रता सबका अधिकार’
कोटा से कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि यह धर्मांतरण का मामला नहीं है, बल्कि बजरंग दल और उससे जुड़े संगठनों का राजनीतिक प्रोपेगंडा है।
उन्होंने कहा, “जैसे मंगलवार को मंदिर में पूजा होती है, वैसे ही रविवार को चर्च में प्रार्थना होती है। अगर कोई बीमार है या परेशान है, तो उसे जहां चाहें वहां जाने की आज़ादी है। पुलिस को किसी संगठन के दबाव में अल्पसंख्यकों पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।”