सीजी भास्कर, 12 अगस्त। पुरी के प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर के महाप्रसाद को अब ऑनलाइन खरीदने का सपना देखने वाले श्रद्धालुओं के लिए निराशाजनक खबर आई है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने महाप्रसाद की ऑनलाइन बिक्री के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है।
क्यों लिया गया यह फैसला
कुछ संगठनों ने हाल ही में मंदिर प्रशासन से आग्रह किया था कि महाप्रसाद और सूखा प्रसाद को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दुनिया भर के श्रद्धालुओं तक पहुंचाया जाए। हालांकि, मंत्री हरिचंदन ने कहा —
विचार अच्छा है, लेकिन महाप्रसाद की शुद्धता और धार्मिक पवित्रता को देखते हुए इसे मंजूरी नहीं दी जा सकती।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रसाद परंपरागत रूप से केवल मंदिर परिसर में ही वितरित किया जाता है और इसे ऑनलाइन बेचना धार्मिक परंपरा और आस्था के साथ समझौता होगा।
अभी नहीं है कोई कानूनी रोक
मंत्री ने बताया कि फिलहाल महाप्रसाद की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने वाला कोई कानून मौजूद नहीं है। अगर इस पर कानूनी रूप से प्रतिबंध लगाना हो, तो जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 में संशोधन करना पड़ेगा।
बिना अनुमति ऑनलाइन बिक्री का विवाद
यह बयान ऐसे समय आया है जब मंदिर प्रसाद की बिना इजाजत ऑनलाइन बिक्री की शिकायतें सामने आईं।
इस पर मंत्री ने कहा कि सरकार न तो इस पहल का समर्थन करती है और न ही इसे बढ़ावा देगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे पुरी आकर स्वयं महाप्रसाद लें और भगवान जगन्नाथ के दर्शन का लाभ उठाएं।