सीजी भास्कर, 13 अगस्त |
छत्तीसगढ़ में मॉनसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। मंगलवार रात अंबिकापुर में तेज़ आंधी और बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। आंधी के चलते शहर के कई इलाकों में बिजली व्यवस्था चरमराई और करीब 7 से 8 घंटे तक सप्लाई पूरी तरह ठप रही, जिससे आधे शहर में अंधेरा छा गया। बलरामपुर में भी दो से तीन जगहों पर तेज़ बारिश दर्ज की गई है।
कई जिलों में बिजली गिरने का अलर्ट
मौसम विभाग ने सरगुजा, रायपुर, दुर्ग, बालोद, धमतरी और कांकेर समेत 30 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया है। वहीं सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों के लिए भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी हुआ है।
बस्तर संभाग में अगले पांच दिनों तक दो से तीन स्थानों पर तेज़ बारिश होने की संभावना जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया के कारण प्रदेश में मौसम का यह बदलाव देखने को मिल रहा है।
बारिश के आंकड़े: अगस्त में अब तक 67% कम बरसात
1 से 11 अगस्त तक प्रदेश में सिर्फ 50.8 मिमी बारिश हुई है, जबकि इस अवधि में औसतन 152.8 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। यानी अगस्त के पहले 11 दिनों में बारिश सामान्य से करीब 67 प्रतिशत कम रही है।
जून से अब तक 678 मिमी बरसात
1 जून से 11 अगस्त तक पूरे प्रदेश में 678 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बलरामपुर जिले में सबसे अधिक 1113.5 मिमी और बेमेतरा में सबसे कम 336.4 मिमी बारिश हुई है।
जुलाई में रिकॉर्ड बारिश के आंकड़े
1 जून से 30 जुलाई तक कुल 623.1 मिमी बारिश हुई, जो अनुमानित 558 मिमी से करीब 12% ज्यादा है। जुलाई में अकेले 453.5 मिमी पानी बरसा। पिछले 10 सालों में सिर्फ दो बार ही जुलाई में बारिश का आंकड़ा 400 मिमी से ऊपर गया है — 2016 में 463.3 मिमी और 2023 में 566.8 मिमी।