सीजी भास्कर, 14 अगस्त |
रायपुर।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मुंगेली जिले में जर्जर स्कूल भवन से प्लास्टर गिरने से दो बच्चों के घायल होने और बिलासपुर में स्कूली बच्चों से ट्रांसफॉर्मर लगवाने की घटना पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने कहा — “बच्चों को खतरे में डालना अस्वीकार्य है।”
कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव से 26 अगस्त तक राज्य के सभी स्कूल भवनों की सुरक्षा रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही मुंगेली और बिलासपुर के जिला शिक्षा अधिकारियों को व्यक्तिगत हलफनामा देने के निर्देश दिए गए हैं।
मुंगेली में हादसा: प्लास्टर गिरा, दो छात्र घायल
9 अगस्त को मुंगेली जिले के ग्राम बरदुली स्थित सरकारी प्राथमिक स्कूल में क्लास के दौरान छत का प्लास्टर गिर गया। तीसरी कक्षा के छात्र हिमांशु दिवाकर और अंशिका दिवाकर घायल हो गए।
जांच में सामने आया कि भवन पहले से ही जर्जर था, बावजूद इसके यहां कक्षाएं चल रही थीं।
कलेक्टर कुंदन कुमार ने इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए जिला शिक्षा अधिकारी और कई अन्य जिम्मेदार अफसरों को नोटिस जारी किया है।
बिलासपुर में बच्चों से करवाई गई ट्रांसफॉर्मर की मजदूरी
बिलासपुर के तखतपुर ब्लॉक स्थित चनाडोंगरी हाईस्कूल में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने लंच ब्रेक के दौरान बच्चों से खराब ट्रांसफॉर्मर बदलने में रस्सी खिंचवाने का काम कराया।
यह घटना कैमरे में कैद होने के बाद वायरल हुई, जिसके बाद विभाग ने सकरी के एई योगेश साहू को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई होगी।
रायपुर स्कूल मैदान में मलबा, कोर्ट ने मांगा नया हलफनामा
रायपुर के एक सरकारी स्कूल में मैदान में मलबा डालने की शिकायत पर राज्य सरकार ने बताया कि मैदान साफ कर समतल कर दिया गया है। हालांकि, हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि इसे पूरी तरह सुरक्षित बनाया जाए और डीईओ नया हलफनामा पेश करें।
कोर्ट का स्पष्ट संदेश
- बच्चों को जर्जर भवनों में पढ़ाना बंद हो
- सभी स्कूलों का सुरक्षा ऑडिट किया जाए
- खतरनाक भवनों को चिन्हित कर वैकल्पिक व्यवस्था हो
- जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो
अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी, जिसमें राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट और सुधारात्मक कदमों की जानकारी देनी होगी।