सीजी भास्कर, 18 अगस्त |
दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन से 26 जुलाई को अगवा हुआ 18 महीने का मासूम बच्चा आखिरकार तमिलनाडु से बरामद कर लिया गया। जीआरपी (Government Railway Police) दुर्ग ने आरपीएफ और चाइल्ड लाइन की मदद से बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
कैसे हुआ था अपहरण?
जानकारी के मुताबिक, मजदूर वर्ग से ताल्लुक रखने वाले सूर्या मानिकपुरी और उनकी पत्नी सोनू अपने दो बच्चों (3 साल की बेटी और 18 माह का बेटा) के साथ दुर्ग रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर के पास सो रहे थे।
सुबह करीब 3:45 बजे नींद खुलने पर उन्होंने देखा कि छोटा बेटा गायब है। तुरंत इसकी सूचना जीआरपी दुर्ग को दी गई।
सीसीटीवी से मिला सुराग
पुलिस ने स्टेशन के सभी CCTV फुटेज खंगाले। जांच में एक संदिग्ध व्यक्ति को बच्चे के साथ पुरी-गांधीधाम एक्सप्रेस में चढ़ते हुए देखा गया। इसके बाद गोंदिया, नागपुर, भंडारा समेत कई स्टेशनों पर फुटेज खंगाले गए।
नागपुर में आरोपी को बच्चे के साथ उतरते और कपड़े खरीदते हुए देखा गया। इसके बाद वह गोरखपुर एक्सप्रेस में चढ़ गया। ट्रेन में रोते हुए बच्चे को देखकर पेंट्रीकार स्टाफ ने आरपीएफ को सूचना दी, लेकिन आरोपी ने झूठा आधार कार्ड दिखाकर बच्चे को अपना बेटा बताया और वहां से निकल गया।
तमिलनाडु से हुआ बरामद
जीआरपी ने आरोपी की लोकेशन ट्रैक की और पता चला कि वह तमिलनाडु के तंजावूर का रहने वाला है।
इसके बाद एसपी रेल रायपुर श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा के निर्देशन में एक टीम वहां भेजी गई। पुलिस के साथ बच्चे की मां भी गई थी। आखिरकार, आरोपी अरुमुगम (45 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया गया और बच्चा सकुशल अपनी मां को सौंप दिया गया।
कोर्ट ने भेजा जेल
जीआरपी ने आरोपी को 10 अगस्त को अदालत में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। पुलिस अब इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या आरोपी ने पहले भी ऐसे अपहरण किए हैं।
भावुक हुआ मिलन
बच्चे की बरामदगी के बाद जब मां ने उसे देखा तो बच्चा तुरंत उससे लिपट गया। यह दृश्य वहां मौजूद सभी पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को भावुक कर गया।