सीजी भास्कर, 20 अगस्त। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर को अधिग्रहण करने की पहल पर अब कड़ा विरोध शुरू हो गया है।
प्रख्यात रामकथा वाचक और पद्म विभूषण से सम्मानित जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि “अगर मस्जिद और चर्च का अधिग्रहण नहीं हो सकता, तो मंदिरों को भी इससे अछूता रहना चाहिए।”
ट्रस्ट और कॉरिडोर योजना पर असहमति
राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंधन के लिए एक ट्रस्ट बनाने और बांके बिहारी कॉरिडोर विकसित करने की घोषणा की है। इस पर रामभद्राचार्य ने साफ कहा कि वे इस फैसले से सहमत नहीं हैं।
उन्होंने कहा – “मुझे समझ नहीं आता कि सरकार मंदिरों के धन और प्रबंधन को अपने हाथ में क्यों लेना चाहती है। मंदिरों को धार्मिक स्वतंत्रता के साथ चलने दिया जाना चाहिए।”
सरकार का तर्क
यूपी सरकार का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
अध्यादेश के जरिए ट्रस्ट गठन और कॉरिडोर का निर्माण इसी योजना का हिस्सा है।
“सनातन धर्म के विरोधियों को मिलेगा जवाब”
वृंदावन पहुंचे तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा –
- “जो लोग सनातन धर्म का विरोध करेंगे, उन्हें कठोरतम प्रसाद मिलेगा।”
- धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि समाज को संयम और जागरूकता से काम लेना होगा।
- कन्याओं को वीरांगना लक्ष्मीबाई जैसी प्रेरणा दी जानी चाहिए।
जन्मस्थान विवाद पर भी दिया बयान
रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि जैसे उन्होंने राम जन्मभूमि मामले में गवाही दी थी, वैसे ही वे श्रीकृष्ण जन्मस्थान के मसले पर भी सच्चाई सामने रखने के लिए तैयार हैं।