सीजी भास्कर, 21 अगस्त। छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की सुनवाई के दौरान बड़ा मोड़ सामने आया है।
बुधवार को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) के विशेष न्यायालय में पेशी पर बुलाए गए 28 आबकारी अधिकारी अदालत में हाजिर नहीं हुए।
गिरफ्तारी की आशंका के चलते सभी ने कोर्ट से दूरी बनाई।
न्यायालय ने इसे गंभीर मानते हुए सभी 28 अधिकारियों के खिलाफ ₹500-500 के जमानती वारंट जारी कर दिए हैं।
अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को
कोर्ट ने अब इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 26 अक्टूबर तय की है।
बता दें कि इस घोटाले में 15 आरोपी पहले से जेल में बंद हैं, जबकि अन्य अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट पहले ही इन अधिकारियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुका है।
किन अधिकारियों पर कार्रवाई?
जिन अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडूजा, अश्वनी अनंत, अंनत सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, आशीष कोसम और राजेश जायसवाल।
सरकार ने किया सस्पेंड
ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में कुल 29 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से एक की मौत हो चुकी है और छह अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वर्तमान में कार्यरत 22 आबकारी अधिकारियों को राज्य सरकार निलंबित कर चुकी है।
जांच में खुलासा हुआ कि घोटाले के दौरान बनाए गए सिंडिकेट से जुड़े अफसरों को 88 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध रकम मिली थी।