कांकेर (छत्तीसगढ़), 22 अगस्त:
स्वतंत्रता दिवस के बाद छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां नक्सलियों ने एक 28 वर्षीय युवक मनेश नरेटी की बेरहमी से हत्या कर दी। उसका गुनाह सिर्फ इतना था कि उसने 15 अगस्त को गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और भारत माता के जयकारे लगाए।
तिरंगा फहराने की कीमत बनी मौत
मामला छोटेबेटिया थाना क्षेत्र के बिनागुंडा गांव का है। स्वतंत्रता दिवस के दिन मनेश नरेटी बच्चों के साथ उस जगह पर गया, जहां नक्सलियों ने एक स्मारक बना रखा था। वहां उसने तिरंगा लहराया और बच्चों के साथ “भारत माता की जय” के नारे लगाए। ग्रामीणों के लिए यह आजादी का जश्न था, लेकिन नक्सलियों को यह कदम नागवार गुजरा।
अगले ही दिन नक्सली गांव पहुंचे और तथाकथित जन अदालत लगाकर मनेश को मौत की सजा सुना दी। आरोप है कि नक्सलियों ने युवक की हत्या कर उसके पास बैनर लगाकर जिम्मेदारी भी ली।
नक्सलवाद की बौखलाहट
विशेषज्ञों के अनुसार, हाल के वर्षों में लगातार नक्सलियों के आत्मसमर्पण और एनकाउंटर हुए हैं। इससे उनकी ताकत कमजोर पड़ी है और अब वे लोगों के बीच अपने खोते प्रभाव को बचाने के लिए डर का सहारा ले रहे हैं। माड़ इलाके में बीते साल 29 नक्सली ढेर किए गए थे। इस वजह से नक्सलियों का गुस्सा और भी बढ़ गया है।
प्रशासन और पुलिस की प्रतिक्रिया
पखांजूर एसडीओपी रविकुमार कुजूर ने बताया कि हत्या का कारण तिरंगा फहराना बताया जा रहा है, हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। मृतक के परिजनों ने भी अब तक कोई लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई है। फिलहाल पुलिस अपने सूत्रों के माध्यम से जांच कर रही है और मामले की जानकारी जुटा रही है।
ग्रामीणों की चिंता
ग्रामीणों का कहना है कि वे अब विकास और आजादी के पक्ष में खड़े हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि आखिर पुलिस और सरकार उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या ठोस कदम उठाएगी? मनेश नरेटी की हत्या ने पूरे क्षेत्र में भय और आक्रोश दोनों पैदा कर दिए हैं।