रायपुर:
पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, रायपुर के प्रोफेसर डॉ. आशीष सिन्हा को मेडिकल छात्रा उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगा है।
हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज किए जाने के फैसले के खिलाफ डॉ. सिन्हा ने शीर्ष अदालत में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दाखिल की थी, जिसे जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस सतीश चंद्र की डबल बेंच ने खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट के फैसले पर लगी मुहर
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वह हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगा। अदालत के इस निर्णय के बाद अब पुलिस जांच और ट्रायल की प्रक्रिया तेज होने की संभावना है। कानूनी कार्रवाई में साक्ष्यों और गवाहों की भूमिका अहम होगी।
छात्रा ने लगाए गंभीर आरोप
पीजी सेकंड ईयर की एक छात्रा ने डॉ. सिन्हा पर यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। छात्रा का दावा है कि यह उत्पीड़न लगातार एक साल तक चला। जब उसने विरोध किया, तो डॉ. सिन्हा ने उसे इंटरनल परीक्षा में फेल करने की धमकी दी थी।
शिकायत से लेकर FIR तक का सफर
- जनवरी 2025 में छात्रा ने डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन को लिखित शिकायत दी।
- प्रारंभिक जांच में डॉ. सिन्हा को क्लीन चिट मिली।
- इसके बाद छात्रा ने विशाखा समिति का दरवाजा खटखटाया। समिति ने आरोपों को गंभीर मानते हुए डॉ. सिन्हा को एचओडी पद से हटाने की सिफारिश की।
- आरोप न थमने पर छात्रा ने मौदहापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
हाईकोर्ट ने भी कहा था आरोप गंभीर
एफआईआर दर्ज होने के बाद डॉ. सिन्हा ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। लेकिन अदालत ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला गंभीर है और महिला की गरिमा से जुड़ा हुआ है।