सीजी भास्कर 23 अगस्त:
अहमदाबाद, गुजरात:
क्राइम ब्रांच ने एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है। जांच में सामने आया कि सीरिया से आए कुछ युवक खुद को गाज़ा युद्ध पीड़ित बताकर मस्जिदों में चंदा वसूल रहे थे। पुलिस ने इस गिरोह के सरगना अली मेधात अलजाहर को गिरफ्तार किया है। आरोपी टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आया था और यहां रहकर लोगों से सहानुभूति के नाम पर पैसे ऐंठ रहा था।
आराम-तलब ज़िंदगी के लिए कर रहा था फर्जीवाड़ा
पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी चंदे से मिली रकम का इस्तेमाल शाही ठाठ-बाट और ऐशो-आराम की ज़िंदगी जीने में कर रहा था। उसके साथ शामिल तीन और साथी—झकरीया अलजर, अहमदा अल्हबश और युसेफ अलजहर—फरार हैं। पुलिस को भरोसा है कि जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो जाएगी।
पुलिस ने जताई गंभीर चिंता
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच का कहना है कि ऐसी गतिविधियां देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। आरोपी वीज़ा नियमों का उल्लंघन कर रहे थे और संदिग्ध गतिविधियों में शामिल थे। फिलहाल यह जांच की जा रही है कि एकत्रित धनराशि का इस्तेमाल किन उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था।
मामले की जांच राज्य और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से चल रही है। पुलिस ने अली को ब्लैकलिस्ट करने और डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दमिश्क का रहने वाला है अली मेधात
पुलिस के मुताबिक, पकड़ा गया आरोपी अली मेधात अलजाहर सीरिया की राजधानी दमिश्क का रहने वाला है। वह अहमदाबाद की एक होटल में रुका था, जहां से उसे गिरफ्तार किया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी के शरीर पर कई पुराने घावों के निशान हैं। वह इन्हें युद्ध में लगी चोटें बताकर लोगों से सहानुभूति हासिल करता था।