सीजी भास्कर, 23 अगस्त : जिले के कोटमी सोनार गांव में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब चार फीट का मगरमच्छ घर में घुस आया और बेडरूम में पहुंच गया।
बाद में स्थानीय युवाओं की मदद से मगरमच्छ को पकड़ा गया और उसे क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा गया। यहां गली, खेतों में फिर रहे मगरमच्छों की वजह से लोगों की जान जोखिम में रहती है।
दरअसल, कोटमी सोनार में कुलदीप सिंह के घर के करीब 500 मीटर की दूरी पर ही क्रोकोडायल पार्क है।
यह प्रदेश का एकमात्र क्रोकोडायल पार्क है, जहां 400 से अधिक मरगमच्छ हैं। गांव के अन्य तालाबों और बांध में भी मगरमच्छ हैं।
बरसात में कोटमी सोनार के गांव के तालाबों से बाहर निकलकर मगरमच्छ खेत, गली मोहल्ले में निकल आते हैं।
जांजगीर चांपा डीएफओ हिमांशू डोंगरे के अनुसार क्रोकोडायल पार्क को तार फेंसिंग से घेरा गया है।
यहां से मगरमच्छ के बच्चे बाहर निकल सकते हैं, लेकिन चार फीट का मगरमच्छ बाहर नहीं आ सकता है।
उन्होंने बताया कि गांव के अन्य तालाबों में छोटे बड़े मगरमच्छ हैं, जो बाहर निकलकर गांव की गलियों में पहुंच जाते हैं।
इन्हें पकड़कर क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा जाता है। मगरमच्छ से कैसे बचना है, इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है।