सीजी भास्कर 24 अगस्त
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की लापरवाही एक बार फिर सुर्खियों में है। बहुचर्चित बसंत कुंज योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए फ्लैटों को कब्रिस्तान की जमीन पर खड़ा कर दिया गया।
यही नहीं, आज भी कई फ्लैटों के बाहर कब्रें और मजारें मौजूद हैं, जिससे वहां रहने वाले परिवारों का जीवन मुश्किल में पड़ गया है।
आवंटित फ्लैट के बाहर निकली मजार
सेक्टर N, पॉकेट D में रहने वाले जितेंद्र यादव ने बताया कि उन्हें करीब दो साल पहले एलडीए ने फ्लैट आवंटित किया था। लेकिन जब वे परिवार सहित वहां शिफ्ट होने पहुंचे तो घर के ठीक सामने तीन मजारें बनी मिलीं। नतीजतन उनका परिवार डर गया और रहने से साफ इनकार कर दिया।
जितेंद्र यादव का कहना है कि अपने ही घर के सामने कब्र और मजार देखकर बच्चे डर जाते हैं। मजबूरी में उन्हें किराए के घर में रहना पड़ रहा है, जबकि उन्होंने फ्लैट खरीदने में 4.5 से 5 लाख रुपए खर्च किए थे।
स्थानीय लोगों में दहशत
यहां करीब 2,500 से 3,000 लोग रहते हैं। बच्चों का कहना है कि उन्हें इस इलाके में खेलना भी डरावना लगता है। कई लोग रात के समय इस रास्ते से गुजरने से बचते हैं क्योंकि अफवाह फैली हुई है कि यहां भूत-प्रेत हैं।
आश्वासन पर टली कार्रवाई
निवासियों ने बार-बार LDA अधिकारियों से मजार हटाने की गुहार लगाई। हर बार उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। लोगों का कहना है
कि कब्रिस्तान के ऊपर आवास बनाना न केवल धार्मिक और सामाजिक दृष्टि से गलत है, बल्कि इससे निवासियों की सुरक्षा और मानसिक शांति पर भी असर पड़ रहा है।