सीजी भास्कर 24 अगस्त
नई दिल्ली।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के बाद अब बैंक ऑफ इंडिया ने भी दिवालिया हो चुकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) के लोन खाते को धोखाधड़ी वाला घोषित कर दिया है।
बैंक ने अपने पत्र में कंपनी के पूर्व निदेशक और उद्योगपति अनिल अंबानी का नाम भी शामिल किया है।
700 करोड़ का लोन और धन के दुरुपयोग का आरोप
बैंक ऑफ इंडिया ने अगस्त 2016 में आरकॉम को कैपिटल और ऑपरेशनल खर्च के लिए 700 करोड़ रुपये का लोन दिया था। आरोप है
कि अक्टूबर 2016 में जारी की गई इस राशि का बड़ा हिस्सा गलत तरीके से फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश कर दिया गया, जबकि यह बैंक की मंजूरी शर्तों का उल्लंघन था।
SBI की शिकायत और CBI की छापेमारी
इससे पहले SBI ने भी जून 2025 में आरकॉम के खाते को फ्रॉड घोषित किया था। SBI की शिकायत के आधार पर सीबीआई (CBI) ने हाल ही में अनिल अंबानी और कंपनी से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की थी।
जांच एजेंसी का दावा है कि बैंक को इस गड़बड़ी से लगभग 2,929 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
अंबानी पक्ष का जवाब
अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह मामला 10 साल पुराने लेन-देन से जुड़ा है। उस समय अंबानी कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के दैनिक संचालन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी।
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि “अंबानी को चुनिंदा रूप से निशाना बनाया जा रहा है।”
रिलायंस कम्युनिकेशंस और कर्ज का बोझ
RCom ने अप्रैल 2025 में खुलासा किया था कि कंपनी पर कुल 40,400 करोड़ रुपये का कर्ज है। 30 जून 2017 तक कंपनी का खाता एनपीए (NPA) में बदल गया, जिसमें सिर्फ बैंक ऑफ इंडिया का बकाया 724.78 करोड़ रुपये था।
बैंकिंग नियमों के अनुसार, किसी खाते को फ्रॉड घोषित किए जाने के बाद मामला प्रवर्तन एजेंसियों को सौंपा जाता है और उधारकर्ता को पांच साल तक नए कर्ज से वंचित कर दिया जाता है।
फिलहाल कंपनी की दिवालियापन प्रक्रिया SBI की अगुवाई वाली लेनदार समिति और एक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की निगरानी में चल रही है।