सीजी भास्कर, 28 अगस्त।शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) के बाद हुई पोस्टिंग को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
कई शिक्षकों का आरोप है कि रिक्त और अतिशेष पदों पर पोस्टिंग मनमाने ढंग से की गई है और कुछ चुनिंदा शिक्षकों को लाभ पहुंचाया गया है।
भोपाल (मध्य प्रदेश) स्थिति यह है कि डेढ़ महीने बाद भी 180 से अधिक शिक्षकों के प्रकरणों का समाधान नहीं हो सका है।
न पोस्टिंग का फायदा, न कार्यमुक्ति
शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण के बाद भी न तो कई लोग अपने पुराने स्कूल से कार्यमुक्त हो पाए हैं और न ही नए स्कूल में जॉइन कर पाए हैं।
इस वजह से शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। इन अभ्यावेदनों पर अब 29 और 30 अगस्त को संभाग स्तरीय सुनवाई रखी गई है।
“चहेतों” को मिली राहत
आरोप है कि युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में खामियां रही हैं। कई जिलों और विकासखंडों में अतिशेष और रिक्त पदों की जानकारी को लेकर गड़बड़ी की गई।
कुछ “चहेते” शिक्षकों को जानबूझकर अतिशेष घोषित होने से बचा लिया गया। वहीं, जिन स्कूलों से शिक्षकों को हटाया गया, वहां दूसरे शिक्षकों की नई नियुक्ति कर दी गई।
जिला स्तर से अब संभाग स्तर पर सुनवाई
इन अनियमितताओं को लेकर शिक्षकों ने बड़ी संख्या में अभ्यावेदन दिए थे।
जिला स्तर पर अधिकांश मामलों का निराकरण किया जा चुका है, लेकिन 184 शिक्षकों ने जिला समिति के फैसले के खिलाफ अपील की है। अब यह प्रकरण संभाग स्तरीय समिति के सामने सुनवाई के लिए आएंगे।
दो दिन चलेगी सुनवाई
समिति ने सुनवाई का शेड्यूल भी तय किया है।
दूसरा दिन: पहली पाली में शिक्षक और शिक्षक (LB), जबकि दूसरी पाली में व्याख्याता और व्याख्याता (LB) के मामलों की सुनवाई होगी।
पहला दिन: पहली पाली में सहायक शिक्षक और सहायक शिक्षक (LB) के मामले, दूसरी पाली में शिक्षक और शिक्षक (LB) के प्रकरण।