सीजी भास्कर, 13 सितंबर। दो साल पहले हुई जातीय हिंसा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को मणिपुर (Manipur Visit 2025) पहुंचे। यह दौरा कुकी और मैतेई समुदाय के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। दोनों समुदायों ने पीएम की यात्रा का स्वागत किया, लेकिन उनकी मांगें एक-दूसरे के विपरीत हैं।
कुकी समुदाय की मांग – अलग राज्य या केंद्र शासित प्रदेश
कुकी समुदाय ने कहा कि हिंसा के कारण उनकी जान और अस्तित्व खतरे में है।
उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि उनके क्षेत्रों को अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाए।
कुकी नेताओं ने दावा किया कि पिछले संघर्षों में उनके 250 से ज्यादा लोग मारे गए, हजारों घर और धार्मिक स्थल जलाए गए और लोग अब भी राहत शिविरों में रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “हम भारत की लोकतांत्रिक भावना पर भरोसा रखते हैं, लेकिन शांति और सुरक्षा के लिए अलग प्रशासन जरूरी है।”
मैतेई समुदाय का विरोध – NRC लागू करने की मांग
मैतेई संगठन COCOMI ने कुकी की मांग को खारिज(Manipur Visit 2025) करते हुए कहा कि “अगर राज्य जातीय आधार पर बांटा गया, तो मणिपुर की अखंडता खतरे में पड़ जाएगी।”
उन्होंने पीएम मोदी से मणिपुर में NRC जैसी प्रक्रिया लागू करने की अपील की ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान हो सके।
संगठन ने चेतावनी दी कि पीएम की यात्रा सिर्फ “दिखावटी न रहे, बल्कि न्याय और समानता के आधार पर ठोस निर्णय लिए जाएं।”
SoO समझौते पर भी मतभेद
कुकी समुदाय ने Suspension of Operations (SoO) समझौते का समर्थन किया।
वहीं, मैतेई समुदाय ने इसका विरोध करते हुए इसे हिंसा को बढ़ावा देने वाला करार दिया।
बता दें कि 2008 से लागू यह समझौता कुकी उग्रवादी समूहों और सरकार के बीच राजनीतिक संवाद के लिए था, जिसे हाल ही में हिंसा के चलते रद्द कर दिया गया है।
पीएम मोदी का संदेश
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा – “हम मणिपुर और यहां के लोगों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। सड़क परियोजनाओं (Manipur Visit 2025), राष्ट्रीय राजमार्गों, महिला छात्रावासों और अन्य विकास कार्यों की नींव रखी जाएगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि अगले तीन दिनों में वे मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।