सीजी भास्कर 14 सितम्बर Muslim Men Women Gym Exercise: सोशल मीडिया पर वायरल बयान
सोशल मीडिया पर मौलाना क़ारी इसहाक़ गोरा का एक नया वीडियो तेज़ी से चर्चा में है। इसमें वे मुसलमानों को शरीअत के उसूलों के बारे में बताते हुए Muslim Men Women Gym Exercise पर खुलकर अपनी राय रखते हैं। उन्होंने साफ़ कहा कि सेहत का ख्याल रखना इस्लाम में ज़रूरी है, लेकिन औरत और मर्द का एक साथ जिम करना मज़हबी उसूलों के खिलाफ है।
इस्लाम में तंदरुस्ती का महत्व
मौलाना ने कहा कि मज़बूत और सेहतमंद मोमिन अल्लाह के नज़दीक ज्यादा पसंदीदा है। लेकिन यह तंदरुस्ती सिर्फ जिस्मानी ताक़त तक सीमित नहीं होनी चाहिए। इंसान को चाहिए कि वह अपने ईमान और रूहानी तंदरुस्ती का भी ख्याल रखे। उनका कहना है कि Gym Exercise (focus keyphrase) करना बुरा नहीं है, लेकिन इस दौरान शरीअत का उल्लंघन करना गुनाह की राह खोल देता है।
पर्दे की अहमियत
वीडियो में मौलाना ने ज़ोर देकर कहा कि पर्दा सिर्फ औरतों के लिए ही नहीं, बल्कि मर्दों के लिए भी ज़रूरी है। जब पर्दे की हिफाज़त छोड़ दी जाती है, तो गुनाह बढ़ने लगते हैं। इसी वजह से Muslim Men Women Gym Exercise को शरीअत के खिलाफ बताया गया। उनका मानना है कि यह ट्रेंड धीरे-धीरे लोगों को दीन से दूर कर रहा है।
मॉडर्निटी और इस्लामी उसूल
मौलाना ने कहा कि लोग इसको मॉडर्निटी का हिस्सा मानकर गर्व महसूस कर रहे हैं, लेकिन असल में यह इल्म की कमी है। आधुनिक होना गलत नहीं, मगर मज़हबी उसूलों को तोड़कर हराम चीजों को हलाल कर लेना अक्लमंदी नहीं है। उनका तर्क है कि सेहत की दौड़ में ईमान और रूहानियत को पीछे नहीं छोड़ना चाहिए।
Muslim Men Women Gym Exercise: ईमान और जिस्म दोनों ज़रूरी
अंत में मौलाना ने मुसलमानों से अपील की कि वे अपने जिस्म की तंदरुस्ती का ख्याल रखें, लेकिन ईमान और दीन की हिफाज़त को कभी न भूलें। उन्होंने कहा कि असली कामयाबी तभी है, जब इंसान की जिस्मानी ताक़त और रूहानी ताक़त दोनों साथ हों। यही इस्लाम की असल तालीम है।