सीजी भास्कर, 15 सितंबर। युक्तियुक्तकरण के बाद ज्वाइनिंग नहीं देने वाले 4 शिक्षकों को (Teacher Suspension) निलंबित कर दिया गया है। वहीं आबंटित स्कूलों में समय पर उपस्थिति नहीं देने वाले कई शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनका 2 महीने का वेतन भी रोका गया है। जिला एवं संभागीय स्तरीय समितियों में सुनवाई के बाद भी आदेशों का पालन नहीं करने पर यह कार्रवाई की गई। जिला शिक्षा अधिकारी ने ऐसे सभी शिक्षकों को जल्द से जल्द आबंटित विद्यालयों में उपस्थिति देकर बच्चों को पढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा ने बताया कि शासन द्वारा जारी युक्तियुक्तकरण निर्देश के तहत प्राथमिक शालाओं के 292 सहायक शिक्षक एवं 15 प्रधान पाठक तथा माध्यमिक शाला के 153 शिक्षक एवं प्रधान पाठक अतिशेष के रूप में चिन्हांकित हुए थे। निर्देश के अनुसार इन अतिशेष शिक्षकों को शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में पदस्थ किया जाना था। चूंकि कोरबा जिले के प्राथमिक शालाओं में एकल शिक्षकीय विद्यालयों की संख्या अधिक थी, इसलिए जिला स्तरीय समिति ने दूरस्थ अंचल के विद्यालयों में पदस्थापना का निर्णय लिया और इसके लिए ओपन काउंसलिंग आयोजित कर आदेश जारी किया।
उन्होंने बताया कि आदेश से असंतुष्ट शिक्षकों ने जिला स्तरीय समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किए, जिन्हें समाधानकारक नहीं पाए जाने पर अमान्य किया गया। इसके बाद शिक्षकों ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिकाएं दायर कीं। न्यायालय के आदेशानुसार जिला स्तरीय समिति ने पुनः सुनवाई की, जिसमें 5 अभ्यावेदन मान्य पाए गए जबकि शेष को अमान्य कर दिया गया।
जिला शिक्षा अधिकारी ने आगे कहा कि राज्य शासन ने असंतुष्ट शिक्षकों के लिए संभाग एवं राज्य स्तरीय समितियां गठित की हैं। संभागीय समिति के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत किए गए, जिसमें केवल 2 ही मान्य पाए गए, शेष सभी को अमान्य कर दिया गया। इसी बीच, जिला स्तर पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया। समाधानकारक जवाब न मिलने पर 4 सहायक शिक्षकों को (Teacher Suspension) निलंबित किया गया और कई का वेतन रोका गया।
अधिकांश दूरस्थ अंचलों में स्थित प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है, जिससे नियमित अध्ययन व्यवस्था सुनिश्चित हो चुकी है। वहीं जहां अभी भी कमी है, वहां जिला खनिज न्यास मद से अस्थायी व्यवस्था की गई है। इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग ने (Teacher Suspension) कड़ा रुख अपनाया है और स्पष्ट किया है कि आदेशों की अवहेलना करने वालों पर कार्रवाई जारी रहेगी।