सीजी भास्कर, 15 सितंबर। कृषि जगत में बड़ा बदलाव लाने वाली योजना का आज औपचारिक शुभारंभ हुआ। किसानों के लिए यह पहल किस तरह नए अवसर खोलेगी, इसे लेकर पूरे राज्य में उत्सुकता का माहौल है। कॉल सेंटर और नई डिजिटल (Digital Agriculture) तकनीक के मेल से किसान अब अपनी उपज को व्यापक बाजार तक पहुंचा पाएंगे। यह व्यवस्था उन्हें न केवल त्वरित सुविधा देगी बल्कि अनावश्यक बिचौलियों से भी मुक्ति दिलाएगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने बगिया स्थित निवास कार्यालय से किया। इस मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय, विधायक जशपुर रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। हालांकि आधिकारिक घोषणा के चौथे हिस्से में यह स्पष्ट किया गया कि आयोजन जशपुर, सरगुजा क्षेत्र, छत्तीसगढ़ जिले में कृषि क्रांति अभियान के अंतर्गत किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में कृषि और उद्यानिकी दोनों के लिए अनुकूल वातावरण है। आम, लीची, नाशपाती के साथ चाय, टाऊ और कटहल जैसी फसलों का भरपूर उत्पादन होता है। पहले बाजार विकल्पों की कमी के चलते किसान औने-पौने दामों पर बिचौलियों को अपनी फसल बेचने को मजबूर थे। अब (Digital Agriculture) आधारित क्यू आर कोड व्यवस्था से किसान सीधे खरीदार तक पहुंच सकेंगे। कॉल सेंटर से किसानों को विशेषज्ञों की सलाह भी तुरंत उपलब्ध होगी। इस पहल से किसानों की आय में बढ़ोतरी और कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद जताई गई।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि एनडीडीबी के सहयोग से छह जिलों में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। उत्तम नस्ल के दुधारू पशु वितरण और ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने की योजना इसमें शामिल है।
सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष गोमती साय ने कहा कि किसानों के लिए शुरू किया गया कॉल सेंटर कृषि विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। विधायक रायमुनी भगत ने बताया कि जिले में नाशपाती, लीची और कटहल की प्रचुरता है। (Digital Agriculture) पहल से इनका प्रसंस्करण, विकास और निर्यात भी संभव होगा।
किसानों को शैक्षणिक भ्रमण हेतु मुख्यमंत्री ने दिखाई हरी झंडी
कृषि क्रांति और आत्मा योजना के तहत 35 किसानों का दल रायपुर और दुर्ग के शैक्षणिक भ्रमण पर रवाना हुआ। इसमें कुनकुरी के 15 और कांसाबेल के 20 किसान शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर इन्हें रवाना किया। इस दौरान बीएनआर सीड रायपुर और इंडस मेगा फूड पार्क रायपुर द्वारा किसानों को आधुनिक खेती और खाद्य प्रसंस्करण तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।
किसान कॉल सेंटर में +91-8069378107 नम्बर पर किसानों को मिलेगी सहायता
कॉल सेंटर से किसान खेती से जुड़े हर सवाल का समाधान पा सकेंगे। जिला प्रशासन और एग्रिबिड के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं। कॉल सेंटर पर 12 विशेषज्ञों का दल कार्य करेगा, जिसमें कृषि विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर और वैज्ञानिक शामिल रहेंगे। किसान केवल +91-8069378107 नम्बर पर कॉल, मैसेज या व्हाट्सएप से जुड़ सकेंगे। योजना का लाभ, जानकारी और शिकायत निवारण सब यहीं से होगा।
जिले के किसानों की उत्पादों को पूरे देश से मिलेंगे खरीददार
जी कॉम इंडिया का क्यू आर कोड किसानों को पूरे देश की मंडियों से जोड़ेगा। स्थानीय मंडी पर निर्भरता खत्म होगी और (Digital Agriculture) ऐप के माध्यम से देशभर का कोई भी खरीदार किसानों से सीधे व्यापार कर सकेगा। किसान चाहें तो सामूहिक रूप से अपनी उपज जोड़कर भी बेच पाएंगे। धान, तिलहन, दलहन और नगदी फसलें घर बैठे ही उचित मूल्य पर बिकेंगी।
