Hindu Mother Funeral by Muslim Son : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से एक ऐसा भावुक किस्सा सामने आया है, जिसने इंसानियत की परिभाषा को और मजबूत कर दिया। यहां 67 वर्षीय हिंदू महिला (शांति देवी) के निधन के बाद उनके पड़ोसी मुस्लिम युवक असगर अली ने बेटे का फर्ज निभाते हुए न सिर्फ उनकी अर्थी को कंधा दिया, बल्कि हिंदू रीति-रिवाज से चिता को मुखाग्नि भी दी। यही नहीं, अब वह उनकी अस्थियों का विसर्जन भी प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में करने जा रहा है।
Hindu Mother Funeral by Muslim Son – मां-बेटे के रिश्ते से बढ़कर कुछ नहीं
लोग अक्सर कहते हैं कि खून का रिश्ता ही सबसे मजबूत होता है, लेकिन भीलवाड़ा में हुए इस भावुक दृश्य ने ये साबित कर दिया कि असली रिश्ता दिलों से जुड़ा होता है। असगर अली का कहना है – “मां ने मुझे कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया, शायद मेरी अपनी मां ने भी इतना ख्याल नहीं रखा जितना मासी मां (शांति देवी) ने रखा।”
असगर ने बताया कि 2018 में जब शांति देवी के इकलौते बेटे की मौत हो गई थी, तब से वह उनके साथ ही रहने लगी थीं। धीरे-धीरे उनका रिश्ता पड़ोसी से बढ़कर मां-बेटे जैसा हो गया।
इंसानियत की मिसाल, जिसने सबको रुला दिया
Hindu Mother Funeral by Muslim Son : जब शांति देवी का निधन हुआ तो मोहल्ले में सभी की आंखें नम थीं। लेकिन सबसे ज्यादा रोते हुए असगर अली दिखाई दिए। उन्होंने अंतिम संस्कार की सारी जिम्मेदारी उठाई और कहा – “अब मेरा सब कुछ खत्म हो गया है। मां के बिना मैं बिल्कुल अकेला हूं।”
इस भावुक पल ने वहां मौजूद हर किसी को यह एहसास दिलाया कि धर्म, जाति और मज़हब से ऊपर उठकर भी इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
Hindu Mother Funeral by Muslim Son – हर जन्म में ऐसी मां की दुआ
असगर अली ने बताया कि शांति देवी उनके लिए सिर्फ मां ही नहीं, बल्कि भगवान का आशीर्वाद थीं। उन्होंने कहा – “सर्दियों में वो मेरे नहाने का पानी गर्म करतीं, कपड़े धोतीं और मेरे आने का इंतजार करतीं। जब मैं दुकान से लौटता तो कहतीं- मेरा बेटा आ गया।”
असगर ने आगे बताया कि शांति देवी के सम्मान में उन्होंने अपने घर में नॉनवेज बनाना छोड़ दिया था। ईद और दीपावली जैसे त्यौहार भी दोनों परिवार एक साथ मनाते थे।
अस्थि विसर्जन भी करेंगे मुस्लिम बेटा
शांति देवी की इच्छा थी कि उनकी अस्थियां प्रयागराज के त्रिवेणी संगम या फिर चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में विसर्जित की जाएं। असगर अली ने कहा कि वह इस जिम्मेदारी को भी निभाएंगे। उन्होंने भावुक होकर कहा – “मेरे लिए वो सिर्फ पड़ोसी नहीं थीं, बल्कि मेरी असली मां थीं। मैं प्रार्थना करता हूं कि हर जन्म में मुझे ऐसी ही मां मिले।”