सीजी भास्कर, 17 सितंबर। क्या सिर्फ बाइक हटाने को कहना इतना बड़ा अपराध हो सकता है? क्या पड़ोस का झगड़ा किसी परिवार की जान पर बन सकता है? और क्या इंसान का पालतू जानवर अचानक हिंसा का हथियार बन सकता है? यह हैरान कर देने वाली घटना राजधानी दिल्ली से आई है, जिसने पूरे मोहल्ले को दहशत में डाल दिया। अब यह मामला एक खतरनाक मामले (Dog Attack Case) में तब्दील हो गया है।
वारदात सुभाष पार्क क्षेत्र की है, जहां रविवार रात करीब 11:30 बजे एक साधारण कहासुनी ने खौफ़नाक रूप ले लिया। पीड़ित केतन राठौर ने पुलिस को बताया कि उनके पिता अरविंद ने पड़ोसी शालू से अपने घर के सामने खड़ी बाइक हटाने को कहा था। इस पर शालू गुस्से में भड़क गया और गाली-गलौज करने लगा। केतन ने जब इसका विरोध किया, तो शालू और उसके परिचितों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया।
हंगामा सुनकर केतन को बचाने उनके पिता अरविंद, भाई आशीष, भाभी नीशा, चाचा पंकज और चचेरा भाई हर्ष भी मौके पर आ गए। लेकिन मामला थमने के बजाय और बढ़ गया। आरोप है कि शालू अपने घर भागा और वहां से पालतू रॉटवीलर कुत्ते (Dog Attack Case) और लोहे की रॉड्स लेकर लौटा। इसके बाद उसने कुत्ते को हमला करने के लिए उकसाया।
रॉटवीलर ने परिवार के छह सदस्यों को बेरहमी से काटा। उनके हाथ, पैर, कमर और पेट पर गहरे घाव हुए। यही नहीं, आरोपितों ने लोहे की रॉड और डंडों से भी सभी को पीटा। खून से लथपथ घायलों को तुरंत जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। यह पूरी घटना सिर्फ़ झगड़ा नहीं बल्कि सुनियोजित हिंसा (Dog Attack Case) जैसी प्रतीत होती है।
पीड़ित परिवार ने पुलिस को यह भी बताया कि शालू का रॉटवीलर निगम में पंजीकृत ही नहीं है। दिल्ली नगर निगम के नियमों के अनुसार खतरनाक नस्ल के कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य है। ऐसे में यह सवाल खड़ा होता है कि नियमों की अनदेखी करते हुए यह स्थिति कैसे बनी। स्थानीय लोग भी इस घटना के बाद डरे और सहमे हुए हैं। हर कोई यह सोचने पर मजबूर है कि पालतू कुत्तों का दुरुपयोग अब अपराध का नया हथियार (Dog Attack Case) तो नहीं बन रहा।
फिलहाल वेलकम थाना पुलिस ने शिकायत पर चोट पहुँचाने, खतरनाक हथियार से हमला करने और आक्रामक पशु को खुला छोड़ने जैसी धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। आरोपित शालू और उसके साथी अभी फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस उनकी तलाश में जुटी है। इस वारदात ने दिल्लीवासियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि एक साधारण पड़ोसी विवाद कैसे जानलेवा मामले (Dog Attack Case) में बदल सकता है।