सीजी भास्कर, 17 सितंबर। इलाज के नाम पर जिंदगी बचाने आए युवक की सांसें (Wrong Injection) अचानक थम गईं। रात भर मां से बातें करता रहा बेटा सुबह तक लाश में बदल गया। अस्पताल का माहौल मातम और गुस्से से भर गया। परिजन डॉक्टरों को घेरते रहे, चीख-पुकार हर तरफ सुनाई देने लगी।
इलाज के दौरान लापरवाही का एक गंभीर मामला छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से सामने आया है। चूहा मारने की दवा खाने के बाद भर्ती हुए 23 वर्षीय युवक की इंजेक्शन देने के कुछ देर बाद मौत हो गई। घटना से आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और डॉक्टरों पर लापरवाही (Medical negligence) का आरोप लगाया।
रात भर बातचीत करता रहा बेटा – मां
मृतक की मां पूजा सूर्या ने बताया कि उनका बेटा प्रभाष सूर्या मंगलवार दोपहर चूहा मारने की दवा खाने के बाद अस्पताल (Wrong Injection) लाया गया था। डॉक्टरों ने कहा कि रात भर उसकी हालत स्थिर थी और बेटे ने उनसे लगातार बातचीत भी की। लेकिन बुधवार सुबह अचानक स्थिति बिगड़ गई।
उल्टी कराने के इंजेक्शन के बाद मौत
परिजनों का आरोप है कि सुबह उल्टी कराने के लिए एक इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन लगने के कुछ ही देर बाद प्रभाष की मौत हो गई। आरोप यह भी है कि इंजेक्शन देने वाली महिला स्टाफ मौके से गायब हो गई और डॉक्टर मृतक का सही नाम तक बताने से बचते रहे। यही लापरवाही (Medical negligence) मानी जा रही है।
डॉक्टरों पर गंभीर आरोप
मृतक के भाई निखिल और मां पूजा ने डॉक्टरों पर गंभीर आरोप (Wrong Injection) लगाते हुए कहा कि गलत इंजेक्शन और समय पर उचित इलाज न मिलने की वजह से प्रभाष की जान गई। उनका कहना है कि अगर सही इलाज मिलता तो बेटे की जान बच सकती थी। परिवार ने इसे सीधी लापरवाही (Medical negligence) बताते हुए न्याय की मांग की।
अस्पताल प्रशासन ने शुरू की जांच
घटना के बाद अस्पताल में तनाव का माहौल बन गया और OPD सेवाएं प्रभावित हो गईं। पूर्व विधायक अरुण वोरा ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात कर उन्हें समझाने का प्रयास किया। इधर, अस्पताल प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
