सीजी भास्कर, 22 सितम्बर बिलासपुर/रतनपुर। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को विधि-विधान और मंत्रोच्चार के बीच हुई। प्रसिद्ध शक्तिपीठ Ratanpur Maa Mahamaya Temple में शुभ मुहूर्त में घटस्थापना के साथ ही मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित की गई। यहां परंपरा के अनुसार प्रतिपदा से नवमी तक मां महामाया के वस्त्र नहीं बदले जाएंगे। नवमी के दिन देवी का भव्य राजश्री श्रृंगार होगा।
Ratanpur Maa Mahamaya Temple: ज्योति कलश से जगमगाया दरबार
मंदिर परिसर में इस बार 31 हजार ज्योतियां प्रज्ज्वलित की गई हैं, जिनमें 5 हजार घृत और 24 हजार 800 तेल की ज्योति शामिल हैं। 1800 आजीवन ज्योति कलश भी भक्तों ने अर्पित किए हैं। परंपरा के अनुसार, तांबे के कलश में ही ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है, क्योंकि इसे सबसे शुद्ध माना जाता है।
9 नहीं, 10 दिनों तक चलेंगे अनुष्ठान
इस बार नवरात्रि में अनुष्ठान 9 नहीं बल्कि 10 दिनों तक होंगे। शारदीय नवरात्रि का समापन 2 अक्टूबर को होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आई हैं, जिसे समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है।
रात 12 बजे तक खुला रहेगा दरबार, सप्तमी को 24 घंटे दर्शन
नवरात्रि के दौरान हर दिन मंदिर का पट भक्तों के लिए रात 12 बजे तक खुला रहेगा। सप्तमी के दिन भक्तों की सुविधा के लिए पूरी रात दर्शन की व्यवस्था होगी। बाकी दिनों में मंदिर का पट रात 12 से सुबह 4 बजे तक बंद रहेगा।
हर दिन माला का श्रृंगार, नवमी को राजश्री स्वरूप
मां महामाया का श्रृंगार प्रतिपदा को किया गया है। इसके बाद पूरे नवरात्र हर दिन देवी को केवल माला से श्रृंगारित किया जाएगा। ये माला नवमी के दिन उतारी जाएगी और इसी दिन मां का विशेष राजश्री श्रृंगार होगा। इस अवसर पर देवी को बनारसी साड़ी और स्वर्ण आभूषणों से अलंकृत किया जाएगा।
Ratanpur Maa Mahamaya Temple: क्यों हाथी पर सवार होकर आईं मां दुर्गा?
ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा का वाहन सप्ताह के दिन पर निर्भर करता है। सोमवार को आगमन होने पर देवी हाथी पर सवार होकर आती हैं। इसे शुभ माना जाता है और यह समृद्धि, वर्षा और अन्न-धान्य की वृद्धि का संकेत देता है।