सीजी भास्कर, 27 सितंबर। बिहार में शुरू हुई विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया, यानी SIR Controversy (Special Intensive Revision), अब पूरे देश की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है। चुनाव से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी और छेड़छाड़ के आरोप लगने के बाद विपक्षी दल एक सुर में विरोध कर रहे हैं। SIR Controversy पर विपक्ष का हमला
विजयन की चुप्पी से उठे सवाल
हालांकि, इस विवाद पर जहां तमाम विपक्षी मुख्यमंत्री मुखर हैं, वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए कहा कि जब तमाम विपक्षी नेता खुलकर SIR Controversy पर बोल चुके हैं, तो विजयन क्यों चुप हैं?
कांग्रेस का सीधा वार
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि चुनाव से पहले SIR एक गंभीर मुद्दा है। एम.के. स्टालिन, ममता बनर्जी और हेमंत सोरेन जैसे नेताओं ने इसका विरोध किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि –
पिनराई विजयन सिर्फ राज्य के मुद्दों पर टिप्पणी कर रहे हैं और राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप्पी साध रहे हैं, जो दोहरे मानदंड को दिखाता है।
केरल में भी SIR की तैयारी
केरल में भी SIR की तैयारी चल रही है। मुख्य चुनाव अधिकारी ने सभी दलों की बैठक बुलाई थी, जिसमें कांग्रेस और माकपा ने इसका विरोध किया, जबकि बीजेपी ने समर्थन किया। हालांकि स्थानीय निकाय चुनाव की नजदीकी को देखते हुए आयोग से SIR टालने की मांग उठी।
चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल SIR Controversy
माकपा के राज्य सचिव ने भी कहा कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब SIR कराना कोर्ट की अवमानना जैसा होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अप्रत्यक्ष रूप से नागरिकता रजिस्टर लागू करने की कोशिश है और इसके लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल किया जा रहा है।