सीजी भास्कर, 27 सितंबर। जिला शिक्षा विभाग ने पाटन विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला महुदा में पदस्थ दो शिक्षकों को गंभीर कदाचार और लापरवाही के आरोपों में निलंबित कर दिया है। संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग दुर्ग आर.एल. ठाकुर ने आदेश जारी करते हुए शिक्षक एलबी प्रफुल्ल साहू और शिक्षिका एलबी सीमा शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। यह कार्रवाई (Teacher Suspension Chhattisgarh) के तहत तुरंत प्रभाव से लागू हुई।
शिकायत के अनुसार शिक्षक प्रफुल्ल साहू ने त्रैमासिक परीक्षा ड्यूटी के दौरान एक छात्र से अपना मोबाइल लेकर सेल्फी स्टैंड के साथ वीडियो और फोटो बनवाए। इसके अलावा प्रार्थना के समय सहकर्मी शिक्षिका श्रुति मिश्रा पर टिप्पणी करते हुए उपहास किया और पढ़ाई के समय हारमोनियम बजाने की भी पुष्टि जांच में हुई। विभाग ने इस कृत्य को अत्यंत गंभीर माना और इसे स्पष्ट रूप से (Teacher Misconduct Case) की श्रेणी में रखा।
जांच दल की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शिक्षक प्रफुल्ल साहू और शिक्षिका सीमा शर्मा ने स्टाफ रूम को छोड़कर अलग कक्ष में बैठना शुरू कर दिया था। इस आचरण से विद्यालय का वातावरण दूषित हुआ और स्टाफ के बीच तनाव का माहौल बन गया। आदेश में कहा गया कि दोनों के इस व्यवहार से विद्यालय की छवि धूमिल हुई और बच्चों की पढ़ाई व अन्य गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा। (Teacher Suspension Chhattisgarh)
विद्यालय का वातावरण दूषित हुआ Teacher Suspension Chhattisgarh
जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि सीमा शर्मा मध्यान्ह भोजन (एमडीएम) की प्रभारी थी, लेकिन उनके द्वारा बच्चों को न तो पर्याप्त मात्रा में भोजन दिया गया और न ही निर्धारित मेनू के अनुसार परोसा गया। इस लापरवाही से बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। सरकार का उद्देश्य कुपोषण कम करना और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना है, लेकिन शिक्षिका की इस लापरवाही ने स्थिति बिगाड़ दी, जिस पर (Chhattisgarh Education Department Action) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
संभागीय संयुक्त संचालक ने आदेश में उल्लेख किया कि शिक्षकों के इस कृत्य से अभिभावकों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। यह कार्य न केवल शासकीय कार्य के प्रति गैर-जिम्मेदाराना रवैया दर्शाता है, बल्कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन भी है। इसे गंभीर कदाचार मानते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत कार्रवाई की गई।