सीजी भास्कर, 28 सितंबर। राजधानी रायपुर के कलेक्ट्रेट परिसर में रविवार तड़के ऐसा मंजर सामने आया जिसने सभी को दहशत में डाल दिया। सुबह करीब 4 बजे रूम नंबर-8, जिसे रिकॉर्ड रूम (Raipur Collectorate Roof Collapse) कहा जाता है, की छत अचानक तेज धमाके के साथ गिर गई। हादसे के समय कमरा खाली था, वरना वहां मौजूद किसी की जान भी जा सकती थी।
कर्मचारियों का कहना है कि यदि यह घटना दिन में होती तो नजारा बेहद खौफनाक होता। बताया जाता है कि कई महिलाकर्मी अक्सर इसी कमरे में लंच करती थीं। छत गिरते ही कमरे में रखी दर्जनों अहम फाइलें (Important Files Damaged) मलबे और धूल में दब गईं।
कलेक्ट्रेट का यह भवन अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है और काफी समय से जर्जर हालत में है। भवन के अन्य कमरे — रूम नंबर 3, 4, 5, 6, 7, 9, 10 और 11 भी किसी डरावनी चेतावनी की तरह हैं और किसी भी क्षण हादसे को न्योता दे सकते हैं। चौकीदार ने जब छत गिरने की आवाज सुनी तो वहां का नजारा देख उसकी भी रूह कांप गई। उसने तुरंत वीडियो बनाकर अधिकारियों (Administration Inspection) को भेजा।
प्रशासन ने घटना के बाद मौके का निरीक्षण शुरू कर दिया है, लेकिन कर्मचारियों का डर और बढ़ गया है। उनका कहना है कि अगली बार यह हादसा कब और कहां होगा, कोई नहीं जानता। रिकॉर्ड रूम में दबे दस्तावेज भी बेहद संवेदनशील बताए जा रहे हैं, जिनमें जमीन से जुड़े रिकॉर्ड, प्रशासनिक आदेश और वर्षों पुराने अभिलेख शामिल हैं।
कर्मचारियों और अधिकारियों ने मांग की है कि भवन की तुरंत मरम्मत (Building Repair Demand) कराई जाए या फिर सुरक्षित वैकल्पिक व्यवस्था (Alternative Arrangement Needed) की जाए। सवाल यह है कि अगर फिर से छत गिरी तो क्या अगली बार भी किसी की जान बच पाएगी या नहीं? यह खौफ अब पूरे कलेक्ट्रेट में फैल गया है।