सीजी भास्कर, 28 सितंबर। राजधानी रायपुर में पुलिस व्यवस्था (Police Commissioner System) अब सुपर ऑर्गेनाइज्ड होने जा रही है। जिले में 1 नवंबर से पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होगा, जिसे भुवनेश्वर मॉडल की तर्ज पर तैयार किया गया है। उच्च स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष एडीजी प्रदीप गुप्ता ने प्रस्तावित मसौदा डीजीपी अरुणदेव गौतम को सौंप दिया है। डीजीपी अध्ययन के बाद इसे राज्य सरकार को भेजेंगे। कमेटी की रिपोर्ट मिलते ही अंतिम रूप देकर विधि विभाग को परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, नया सिस्टम लागू करने के लिए पूरा खाका तैयार है। राज्य सरकार की स्वीकृति (RaipurNews) मात्र औपचारिकता रह गई है। अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए विभागीय स्तर पर तैयारी जारी है। पुलिस मुख्यालय में एसआईबी का दो मंजिला भवन निरीक्षण के बाद फाइनल कर लिया गया है। वित्त विभाग की मंजूरी भी अब केवल खानापूर्ति के रूप में शेष बताई जा रही है।
इस सिस्टम के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद, ओडिशा, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में लागू कमिश्नरी मॉडल का अध्ययन किया गया। इनमें से भुवनेश्वर कमिश्नरी (BhubaneswarModel) को सबसे उपयुक्त मानते हुए 60 फीसदी नियम अपनाए गए, जबकि 40 फीसदी अन्य राज्यों की प्रणाली से लिए गए हैं।
ओडिशा की राजधानी की तरह रायपुर में पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) रैंक के अधिकारी को पदस्थ किया जाएगा। उनकी सहायता के लिए आईपीएस स्तर के दो अतिरिक्त आयुक्त, छह पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), विधि अधिकारी, जनसंपर्क अधिकारी और लेखा अधिकारी रहेंगे। इसके अलावा 31 अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त, 68 निरीक्षक/सूबेदार और सेटअप के अनुसार सभी थानों में पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। अफसरों व जवानों की कमी दूर करने पड़ोसी जिलों और पुलिस लाइन से बल उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही रायपुर पुलिस आयुक्तालय को पीएचक्यू में शुरू कर 34 थानों (ChhattisgarhPolice) को अटैच किया जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि रायपुर जैसे बड़े शहर में बढ़ती आबादी और जटिल कानून-व्यवस्था (LawAndOrder) की चुनौतियों को देखते हुए कमिश्नरी सिस्टम कारगर साबित होगा। इस प्रणाली से पुलिस को अधिक प्रशासनिक व कार्यकारी अधिकार मिलेंगे, जिससे अपराध पर नियंत्रण और बेहतर समन्वय संभव होगा। लंबे समय से प्रतीक्षित यह व्यवस्था अब शहर में लागू होने जा रही है।