सीजी भास्कर, 29 सितंबर। छत्तीसगढ़ शासन ने भूमि के बाजार (Land Valuation Rules Chhattisgarh) मूल्य निर्धारण से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। अब तक लागू “छत्तीसगढ़ बाजार मूल्य मार्गदर्शक सिद्धांत नियम, 2000” का नाम बदलकर “छत्तीसगढ़ गाइडलाइन दरों का निर्धारण नियम, 2000” कर दिया गया है। इस बदलाव को राज्य सरकार ने दस्तावेजों के पंजीयन और प्रभार्य शुल्क निर्धारण की प्रक्रिया को और सरल बनाने के उद्देश्य से लागू किया है।
नए संशोधनों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि का बाजार मूल्य अब हेक्टेयर दर से निर्धारित किया जाएगा। पहले गणना वर्ग मीटर के आधार पर होती थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। यानी अब ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन का मूल्यांकन (Land Valuation Rules Chhattisgarh) किसानों और खरीदारों के लिए अधिक पारदर्शी और व्यावहारिक होगा।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तित भूमि के मूल्य निर्धारण में भी बड़ा बदलाव किया गया है। पहले इसके लिए सिंचित भूमि की दर से ढाई गुना मूल्य लिया जाता था, लेकिन अब यह प्रावधान हटा दिया गया है। नई व्यवस्था के तहत अब केवल हेक्टेयर दर से ही मूल्य तय किया जाएगा। इससे ग्रामीण स्तर पर जमीन खरीद-बिक्री की प्रक्रिया (Land Valuation Rules Chhattisgarh) में सरलता आएगी और अनावश्यक विवाद भी कम होंगे।
राज्य शासन ने स्पष्ट किया है कि इन संशोधनों को तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा और यह दस्तावेजों के पंजीयन एवं प्रभार्य शुल्क निर्धारण में प्रभावी रहेंगे। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नए प्रावधानों की जानकारी अधीनस्थ कर्मचारियों को दें। ताकि भूमि पंजीयन और मूल्य निर्धारण (Land Valuation Rules Chhattisgarh) की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो।
इन संशोधनों से जहां किसानों और खरीदारों को लाभ मिलेगा, वहीं पंजीयन कार्यालयों में प्रक्रियाएं भी तेज और पारदर्शी होंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राज्य में भूमि लेन-देन को सरल और व्यवस्थित बनाने की दिशा में अहम साबित होगा।