सीजी भास्कर, 30 सितंबर। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने घोटालों की जांच तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, ईओडब्ल्यू (EOW Investigation) ने कांग्रेस संगठन से जुड़े एक बड़े नाम के करीबी पर ध्यान केंद्रित किया है। इसमें कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के विश्वासपात्र लेखापाल देवेंद्र डडसेना का नाम प्रमुखता से सामने आया है।
रायपुर (EOW Investigation) ईओडब्ल्यू ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) को पत्र लिखकर देवेंद्र डडसेना से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है। जांच एजेंसी ने तीन बिंदुओं में देवेंद्र की नियुक्ति, वेतन और वर्तमान पदस्थापना से संबंधित ब्योरा देने को कहा है। जानकारी के मुताबिक, देवेंद्र को दो महीने पहले ईओडब्ल्यू-एसीबी ने कोल लेवी घोटाले में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
आरोप है कि देवेंद्र ने रामगोपाल अग्रवाल के साथ मिलकर करीब 100 करोड़ रुपये की कोल लेवी (EOW Investigation) की वसूली की थी। जांच एजेंसी का मानना है कि अवैध रूप से वसूली गई इस राशि का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों में किया गया। यही नहीं, एजेंसी यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस रकम से सुकमा और अन्य जिलों में कांग्रेस भवनों का निर्माण कैसे हुआ।
देवेंद्र पिछले 22-23 साल से पीसीसी का लेखा-जोखा संभालते रहे हैं। चर्चा है कि रामगोपाल अग्रवाल के कारोबारी नेटवर्क और निजी वित्तीय लेन-देन की कई जानकारियां भी देवेंद्र के पास हैं। यही कारण है कि ईओडब्ल्यू (EOW Investigation) देवेंद्र की भूमिका को बेहद अहम मान रही है। उनकी गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसी को कई ऐसे सूत्र हाथ लगे हैं, जिनसे आगे और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
जांच एजेंसी अब रामगोपाल अग्रवाल की तलाश में जुटी है, जो कई महीनों से फरार बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि देवेंद्र से पूछताछ में मिले इनपुट्स के आधार पर ईओडब्ल्यू एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई कर रही है। एजेंसी न केवल शराब और कोल लेवी घोटाले की तहकीकात कर रही है, बल्कि रामगोपाल के कारोबारी साम्राज्य की गहराई से जांच भी कर रही है। फिलहाल पीसीसी से मांगे गए ब्योरे के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। इस कार्रवाई को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में और भी नेताओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।