उत्तर प्रदेश की राजनीति में नया विवाद उस समय सामने आया जब Imran Masood House Arrest के तहत सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद को देर रात से ही उनके घर पर नजरबंद कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक, मसूद बरेली में हुए पोस्टर विवाद को लेकर अधिकारियों से मिलने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी.
भारी पुलिस बल की तैनाती
हाउस अरेस्ट की कार्रवाई को देखते हुए उनके आवास पर देर रात से ही पुलिस की भारी तैनाती की गई. हर आने-जाने वाले व्यक्ति की जांच की जा रही है और बिना अनुमति किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं है. Imran Masood House Arrest का हवाला देते हुए प्रशासन ने कहा कि यह कदम शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है.
तनावपूर्ण माहौल को लेकर रोक
बरेली में “I Love मोहम्मद” पोस्टर विवाद के बाद से तनाव का माहौल पहले से ही बना हुआ है. प्रशासन का मानना है कि ऐसे हालात में विपक्षी नेताओं की मौजूदगी से स्थिति और अधिक बिगड़ सकती थी. इसी वजह से Imran Masood House Arrest का फैसला लिया गया. हालांकि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.
चुनाव से जुड़ा डर?
इमरान मसूद ने हाउस अरेस्ट के बाद सीधे तौर पर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि “सरकार को 2027 चुनाव का डर सता रहा है, इसलिए हमें बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा.” उनके मुताबिक, प्रशासन का यह कदम विपक्ष की बढ़ती लोकप्रियता को रोकने के लिए है. Imran Masood House Arrest को उन्होंने सरकार का राजनीतिक हथकंडा बताया.
धर्म देखकर कार्रवाई का आरोप
सांसद मसूद ने तीखे शब्दों में कहा कि “हम पर धर्म देखकर कार्रवाई हो रही है.” उनका कहना है कि वह शांति के दूत हैं और हमेशा मोहब्बत का संदेश देते रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें निशाना बना रही है. उन्होंने यह भी कहा कि मस्जिदों को केवल नमाज के लिए इस्तेमाल होना चाहिए, हिंसा के लिए नहीं. इसके बावजूद उनके ऊपर अनावश्यक पाबंदियां लगाई जा रही हैं.
प्रशासन की सफाई
प्रशासन की ओर से साफ कहा गया है कि Imran Masood House Arrest केवल एहतियाती कदम है. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि उनकी प्राथमिकता किसी भी हालात में कानून-व्यवस्था बनाए रखना है. उनका कहना है कि यदि माहौल बिगड़ता है तो आम जनता को इसका सबसे ज्यादा नुकसान होगा.