सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। घर की चारदीवारी के भीतर सबकुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन अचानक हुई हलचल ने पूरे इलाके को दहला दिया। अंधेरे में छुपे नकाबपोश हमलावरों ने दरवाजे पर जैसे ही दस्तक दी, चंद सेकंडों में सबकुछ बदल गया। (Compassionate Appointment Case)
सुबह का वक्त था, मां-बेटी अपनी रोज़ की दिनचर्या निभा रही थीं। किसी को भी अंदेशा नहीं था कि उन पर हमला होने वाला है। चीख-पुकार और लाठी की चोटों से बचने की कोशिश में उन्होंने पड़ोसियों को आवाज दी और तभी रहस्य धीरे-धीरे खुलने लगा। (Compassionate Appointment Case)
यह सनसनीखेज घटना बिलासपुर जिले के मल्हार थाना क्षेत्र के खईयापारा गांव की है। यहां रहने वाली सतरूपा श्रीवास अपनी बेटी बृहस्पति श्रीवास के साथ रहती हैं। 26 सितंबर की सुबह जैसे ही उन्होंने घर का पिछला दरवाजा खोला, दो नकाबपोश लोगों ने उन पर लाठी से हमला कर दिया। शोर सुनकर बेटी बृहस्पति वहां पहुंची तो हमलावरों ने उस पर भी हमला किया। मां-बेटी की चीखें सुनकर पड़ोसी इकट्ठा हुए तो हमलावर भाग निकले। पड़ोसियों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। महिला की हालत गंभीर होने पर उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि बेटी को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। (Compassionate Appointment Case)
पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। शुरुआती जांच में सामने आया कि महिला का पति एसईसीएल में नौकरी करता था और उसकी मृत्यु के बाद पेंशन व बेटी को अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही थी। इसी अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate Appointment Case) को पाने के लिए महिला के ससुराल पक्ष ने साजिश रची और पांच लाख रुपये में सौदा तय कर गांव के दो लोगों को सुपारी देकर मां-बेटी की हत्या कराने की योजना बनाई।
पुलिस ने जांच के दौरान सुराग जुटाकर आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें हमलावर और साजिशकर्ता दोनों शामिल हैं। पुलिस अब पूरे मामले की तहकीकात कर रही है। (Compassionate Appointment Case)