सीजी भास्कर, 01 अक्टूबर। एक महिला के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा, जब उसके दोनों जवान बेटे सड़क हादसे में जान गंवा बैठे। हादसे के बाद संवेदना जताने पहुंचे समाज के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष ने भरोसे में लेकर बीमा क्लेम (Insurance Scam) कराने का वादा किया। महिला और उसकी बहुओं को यह उम्मीद नहीं थी कि जिस शख्स पर उन्होंने विश्वास किया वही उनकी मुसीबत को और गहरा कर देगा। दरअसल, बीमा की रकम बैंक से निकालकर आरोपी अपने पास रख लिया और पीड़ित परिवार को ठगा।
महिला ने काफी समय तक इंतजार किया, लेकिन जब मांगी गई रकम देने से आरोपी मुकर गया तो उसने समाज के लोगों के सामने अपनी पीड़ा रखी। मामला तूल पकड़ने पर ग्रामीणों और समाजजनों के साथ पीड़िता थाने पहुंची। वहां जाकर उसने पूरे मामले की लिखित शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
घटना बालोद जिले के ग्राम कुमुरकट्टा की है। यहां रहने वाली उर्मिला बाई सेन (50) ने बताया कि उनके पति का पहले ही निधन हो चुका है। जनवरी 2024 में उनके दोनों बेटे भुवनेश्वर सेन और पिंकू राम सेन अपनी बहन वर्षा के घर राजनांदगांव जा रहे थे। इसी दौरान बालोद के पास ट्रक की चपेट में आने से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद समाज का तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर (निवासी अंबिकापुर शक्तिपारा) घर पहुंचा। उसने (Insurance Fraud) बीमा क्लेम दिलाने का भरोसा दिया और कोर्ट में दावा कराने की बात कही।
प्रदेश उपाध्यक्ष अविनाश ठाकुर ने महिला को (Insurance Scam) ज्यादा रकम दिलाने का झांसा दिया और बिलासपुर कोर्ट में केस दाखिल कराया। कोर्ट के आदेश पर बड़ी बहू सुनीता सेन को 20 लाख और छोटी बहू दिलेश्वरी सेन को 19 लाख रुपये बीमा क्लेम देने का निर्देश हुआ। इसके बाद आरोपी ने उन्हें पंजाब नेशनल बैंक, बिलासपुर ले जाकर खाता खुलवाया। महिला का आरोप है कि बैंक प्रक्रिया पूरी कराने के बहाने अविनाश ठाकुर ने पूरे 39 लाख की रकम खुद ले ली। इसमें से मात्र 70 हजार रुपये ही उसने परिवार को बांटे और शेष 21 लाख 21 हजार रुपये (Insurance Fraud) एफडी कराने का झांसा देकर हड़प लिए।
पीड़िता का कहना है कि जब उसने और उसकी बहुओं ने रुपये मांगे तो आरोपी ने साफ इंकार कर दिया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
समाजिक बैठक में कबूला जुर्म, फिर देने लगा आत्महत्या की धमकी
महिला ने बताया कि जब इस धोखाधड़ी का खुलासा समाजजनों को हुआ तो बैठक बुलाई गई। उस बैठक में आरोपी अविनाश ठाकुर ने अपने कृत्य को स्वीकार करते हुए रकम लौटाने का आश्वासन दिया था। हालांकि बाद में वह मुकर गया। जब समाज के लोग दबाव बनाने लगे तो उसने आत्महत्या की धमकी दी। आखिरकार पीड़िता ने समाजजनों की मदद से थाने जाकर मामला दर्ज कराया।