सीजी भास्कर, 02 अक्टूबर। जैदपुर थाना क्षेत्र के मौथरी गांव में 1 अक्टूबर, 2025 की रात एक मजदूर और भीम आर्मी कार्यकर्ता (Bhim Army Worker Suicide) अशोक कुमार (लगभग 45 वर्ष) ने अपने ही गांव के बाहर लगे पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी सुबह मिलते ही इलाके में बड़ी सनसनी फैल गई और परिजनों ने पुलिस और इलाके के कुछ लोगों पर उत्पीड़न व धमकियों का आरोप लगाया।
परिजनों का आरोप है कि जैदपुर थाना के थानाध्यक्ष व एक दारोगा ने अशोक से 75,000 रुपये की अवैध मांग की थी और पैसे नहीं देने पर उन्हें गंभीर धाराओं में फंसाने की धमकी दी जा रही थी। यह विवाद 25 सितंबर, 2025 को अशोक व आरोपित रामू के बीच पैसों के लेन-देन से जुड़ा मामिला बनने के बाद तेज हुआ था; उसके बाद परिजनों का कहना है कि पुलिस ने अशोक और परिवार को थाने बुलाकर पीटा और लगातार रंगदारी मांगी गई।
मौके से एक सुसाइड नोट और कुछ व्हाट्सऐप मैसेज (Bhim Army Worker Suicide) भी मिलने की खबर है, जिनमें अशोक ने अपनी मौत के लिए विपक्षी रामू, अरविंद, संतोष व जैदपुर थाने के कुछ नामजद पुलिसकर्मियों — विशेषकर इंस्पेक्टर व दरोगा निर्मल सिंह — को जिम्मेदार ठहराया है। परिजनों ने जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर निष्पक्ष जांच व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर कहा है कि मामला संज्ञान में आया है और पोस्टमॉर्टम के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी; साथ ही बताया गया कि घटना की तहकीकात जारी है। वहीं भीम आर्मी और स्थानीय विपक्षी दलों ने मौके पर पहुंचकर निष्पक्ष जांच की मांग की है और अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है।
अशोक के पुत्र रवि कुमार का कहना है कि पिता पर दबाव इतना बढ़ा कि वे मानसिक रूप से टूट गए। परिवार का इस घटना पर कहना है कि वे न्याय की मांग करते हैं और दोषियों को सजा दिलाने तक चुप नहीं बैठेंगे। गांव के लोगों ने भी घटना को लेकर सवाल उठाए हैं और जांच की पारदर्शिता पर जोर दिया है।
क्या कहा जा रहा है — संक्षेप
घटना: 1 अक्टूबर, 2025 की रात — मौथरी गांव के बाहर पेड़ पर फांसी।
आरोप: थानाध्यक्ष व एक दारोगा द्वारा 75,000 रुपये की वसूली और पैसे न देने पर गंभीर धाराओं में फंसाने की धमकी।
सबूत: सुसाइड नोट और व्हाट्सऐप मेसेज का हवाला; परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच (Bhim Army Worker Suicide) की मांग की है।
स्थिति: पुलिस जांच में लगी है; राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने भी मामले को उठाया।