सीजी भास्कर, 02 अक्टूबर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों की मैराथन बैठक ली। इस (Chhattisgarh Government Meeting) का मुख्य उद्देश्य विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में आगे बढ़ने के लिए विभागीय समन्वय और टीम भावना के साथ कार्य करने पर बल देना था।
बैठक (Chhattisgarh Government Meeting) में पूंजीगत व्यय में तेजी लाने, शासकीय कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने, आमजनों की समस्याओं का त्वरित निराकरण और गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इस दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की सराहना की गई और सभी से स्व-मूल्यांकन कर सुधार लाने की अपेक्षा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से शासन के कामकाज में पारदर्शिता आई है और इससे सुशासन का संकल्प साकार हो रहा है। लगभग सभी विभागों में ई-ऑफिस लागू हो चुका है और शेष विभागों को दिसंबर 2025 तक इसे अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने सड़कों के सुधार और रखरखाव पर विशेष जोर दिया और जेम पोर्टल से होने वाली शासकीय खरीदी में किसी भी अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा।
(Chhattisgarh Government Meeting) उन्होंने स्पष्ट किया कि पूंजीगत व्यय से राज्य की आधारभूत संरचना मजबूत होती है और दीर्घकालिक विकास की नींव पड़ती है। मुख्यमंत्री ने कम पूंजीगत व्यय वाले विभागों को कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष को “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है और बजट में प्रावधानित कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति समय पर दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि स्वीकृत कार्यों के टेंडर शीघ्र जारी हों और बिना विलंब कार्य प्रारंभ किया जाए। पूंजीगत व्यय से जुड़े सभी कार्य जनता के हित से सीधे जुड़े हैं, इसलिए इन्हें समय पर पूरा करना आवश्यक है। जिन विभागों का व्यय पिछले वर्ष से कम है, उन्हें कारणों की पहचान कर तत्काल सुधार करने होंगे। बरसात समाप्त होने के बाद अगले दो महीनों का सदुपयोग कर निर्माण कार्यों से संबंधित सभी औपचारिकताएँ शीघ्र पूरी करने को कहा गया।
जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनें अधिकारी
मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों को निर्देश (Chhattisgarh Government Meeting) दिया कि वे जनता की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनें और उनका निराकरण करें। उन्होंने कहा कि सतत मॉनिटरिंग और नियमित प्रवास से विकास की गति तेज होती है। प्रभारी सचिवों को निर्देश दिया गया कि वे हर दो माह में अपने जिलों का दौरा कर योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करें।
मंत्रालय में बायोमैट्रिक अटेंडेंस लागू होगा
मुख्यमंत्री ने मंत्रालय के कामकाज में कसावट लाने के उद्देश्य से 1 दिसंबर से बायोमैट्रिक अटेंडेंस प्रणाली लागू करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय पर कार्यालय पहुँचें और अपने अधीनस्थों को भी समयपालन के लिए प्रेरित करें।
मुख्य सचिव विकास शील ने जानकारी दी कि 1 दिसंबर से मंत्रालय में उप सचिव स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों तक के लिए बायोमैट्रिक अटेंडेंस प्रणाली लागू होगी। बैठक (Chhattisgarh Government Meeting) में मुख्य सचिव विकास शील, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव पी. दयानंद, सचिव राहुल भगत सहित सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।