सीजी भास्कर, 03 अक्टूबर। गुढ़ियारी के अवधपुरी मैदान, श्रीनगर रोड पर आयोजित होने वाली श्रीमंत हनुमंत कथा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। यह भव्य (Religious Event) 4 से 8 अक्टूबर तक आयोजित होगी। कथा वाचन के लिए बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री शनिवार को दोपहर 10 बजे नियमित विमान से राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। विवेकानंद टर्मिनल पर उनके स्वागत के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त और समाजसेवी मौजूद रहेंगे। वहां से कार द्वारा भारत माता चौक तक विशेष शोभायात्रा निकाली जाएगी, जहां सर्वसमाज के लोग और धार्मिक संगठनों के सदस्य पुष्पवर्षा कर स्वागत करेंगे।
कथा का सीधा प्रसारण संस्कार टीवी सहित पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के आधिकारिक यूट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम चैनलों पर किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य धार्मिक आस्था को मजबूत करना और समाज में एकता का संदेश देना है।
विशेष अतिथि और व्यवस्थाएं
आयोजन समिति ने बताया कि कथा में प्रदेश के प्रमुख जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उनकी पत्नी वीणा सिंह, नगर निगम की महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौर समेत कई मंत्री और विधायक इस (Religious Event) का हिस्सा बनेंगे।
पार्किंग और यातायात की व्यवस्था
समिति ने भक्तों से अपील की है कि वे कथा स्थल तक अधिकतर दोपहिया वाहन से आएं, जिससे भीड़ प्रबंधन आसान हो सके। कार और बाइक पार्किंग के लिए साइंस कॉलेज मैदान, कोटा मैदान और डब्ल्यूआरएस कॉलोनी मैदान में विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अलावा बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए 200 नि:शुल्क ई-रिक्शा की सुविधा 4 से 8 अक्टूबर तक उपलब्ध रहेगी।
भंडारा और भक्तों की सुविधा
भक्तों के लिए रोजाना सुबह 10 बजे और रात 9 बजे भंडारे की व्यवस्था की गई है। यह सेवा समाजसेवी चंदन-बसंत अग्रवाल और स्व. पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन की टीम द्वारा नि:शुल्क कराई जाएगी। पंडाल स्थल में बैठने की व्यवस्था लाखों भक्तों को ध्यान में रखकर की गई है। समिति ने ‘पहले आओ-पहले पाओ’ की नीति अपनाई है ताकि भक्तों को सहज अनुभव हो।
प्रशासनिक सहयोग
जिला प्रशासन और यातायात पुलिस ने आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं। यातायात का विशेष प्रबंधन किया गया है ताकि भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
धार्मिक और सामाजिक महत्व
यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा को गहराता है बल्कि समाज में सामूहिकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। (Religious Event) के दौरान भक्तजन आध्यात्मिक शांति का अनुभव करेंगे और साथ ही सामाजिक समरसता का संदेश भी फैलाया जाएगा।