सीजी भास्कर, 03 अक्टूबर। गंगरेल बांध के कैचमेंट क्षेत्र से पानी की भारी आवक होने के बाद बांध के गेट खोले गए और बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा गया। इसके कारण महानदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया और नदी में (Flood Rescue Operation) जैसी स्थिति बन गई। अचानक आई बाढ़ में एक मंदिर का पुजारी फंस गया, जिसे जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित बाहर निकाला। पुजारी के स्वजनों और ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
पुजारी फंसा टापू में
धमतरी जिले के कुरूद थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नवीन जोरातराई के मंदिर में यह घटना घटी। तीन अक्टूबर को महानदी का जलस्तर अचानक बढ़ा और मंदिर में पूजा करने गए पुजारी इतवारी राम कश्यप (65 वर्ष, पुत्र सीताबी राम कश्यप) नदी के बीच बने टापू पर फंस गए। पानी लगातार बढ़ रहा था और हालात खतरनाक हो रहे थे।
जिला प्रशासन की तत्परता
घटना की सूचना मिलते ही जिला सेनानी शोभा ठाकुर ने तुरंत रेस्क्यू टीम को मोटर बोट सहित मौके पर रवाना किया। जवानों ने समय पर पहुंचकर सूझबूझ और साहस का परिचय दिया। (Flood Rescue Operation) के दौरान टीम ने पुजारी को सुरक्षित बाहर निकालकर नदी के किनारे पहुंचाया। इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई और पुजारी को सुरक्षित उनके स्वजनों को सौंप दिया गया।
जवानों का साहसिक योगदान
रेस्क्यू अभियान में बाढ़ बचाव दल के जवान कलीराम ध्रुव, अनिल नेताम, टिकेश साहू, नरेंद्र डहरिया, दुष्यंत नेताम और चन्द्र कुमार ने सराहनीय योगदान दिया। जिला प्रशासन ने इस साहसिक कार्य के लिए उनकी सराहना की और कहा कि ऐसे जांबाज जवान ही संकट की घड़ी में जनता के भरोसे को मजबूत करते हैं।
प्रशासन की सतर्कता
इस घटना ने साबित कर दिया कि जिला प्रशासन और बचाव दल हर आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहते हैं। समय पर उठाए गए कदमों से एक बड़ी जनहानि टल गई। प्रशासन ने कहा कि नदी-नालों में लगातार बढ़ते जलस्तर पर पैनी नजर रखी जा रही है ताकि किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
भविष्य की तैयारी
जिला प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि बारिश और बाढ़ के मौसम में नदी-नालों के किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं। प्रशासन ने यह भी कहा कि गंगरेल बांध और अन्य जलाशयों से पानी छोड़े जाने की स्थिति में ग्रामीणों को पहले ही अलर्ट कर दिया जाएगा। (Flood Rescue Operation) के अनुभव ने यह साफ कर दिया है कि समय रहते दी गई चेतावनी और त्वरित बचाव से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
सामाजिक सहयोग भी जरूरी
स्थानीय ग्रामीणों ने भी प्रशासन और बचाव दल का धन्यवाद दिया। उनका कहना था कि यदि समय पर मदद नहीं मिलती तो एक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे हालात में प्रशासन और समाज दोनों का संयुक्त प्रयास ही राहत और बचाव को सफल बनाता है। (Flood Rescue Operation)