मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में Cough Syrup Death Case in Chhindwara (कफ सिरप से मौत) का नया मामला सामने आया है। बड़कुही क्षेत्र की डॉक्टर कॉलोनी में रहने वाली 2 साल की बच्ची योजिता ठाकरे की मौत के बाद परिजनों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का कहना है कि डॉक्टर द्वारा दी गई दवा (cough syrup) लेने के बाद बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गई और अंततः उसकी किडनी फेल हो गई।
सिरप लेने के बाद रुकी यूरिन, हालत अचानक बिगड़ी
योजिता को 8 सितंबर को तेज बुखार आया था। परिजन उसे परासिया स्थित एक निजी डॉक्टर के पास लेकर गए, जहां उन्हें Nextra DS Syrup (नेक्सट्रा डीएस सिरप) दिया गया। आरोप है कि सिरप की दो खुराक देने के बाद ही बच्ची की यूरिन बंद हो गई और वह बेहद सुस्त हो गई। इसके बाद बच्ची की हालत लगातार गिरती चली गई।
नागपुर ले जाया गया, पर नहीं बच पाई जान
परिजनों ने बच्ची को पहले नागपुर के नेल्सन हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन वहां से उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। परिवार का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में सिर्फ आईसीयू में भर्ती करने के अलावा कोई गंभीर उपचार नहीं मिला। हालत बिगड़ने पर बच्ची को लता मंगेशकर अस्पताल शिफ्ट किया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
परिवार का आरोप – सिरप ही बना मौत की वजह
मृत बच्ची के दादा लेखराम ठाकरे ने कहा कि Nextra DS Syrup देने के बाद ही बच्ची की हालत खराब हुई। उन्होंने बताया कि बच्ची यूरिन नहीं कर पा रही थी और धीरे-धीरे उसकी किडनी पूरी तरह फेल हो गई। ठाकरे का कहना है कि पहले भी बड़कुही इलाके में इसी दवा (cough syrup) से बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन अब तक किसी ने ठोस कदम नहीं उठाया।
परिजनों का दर्द और गुस्सा
परिवार ने बच्ची के इलाज में करीब 15 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन उनका कहना है कि अब तक किसी जिम्मेदार अधिकारी ने पोस्टमार्टम या जांच के लिए संपर्क नहीं किया। गमगीन माहौल में परिवार ने नागपुर में ही अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया।
सवालों के घेरे में स्वास्थ्य तंत्र
यह मामला एक बार फिर सवाल खड़े कर रहा है कि आखिर Cough Syrup Death Case in Chhindwara (छिंदवाड़ा में कफ सिरप से मौत) जैसे मामले बार-बार क्यों हो रहे हैं। सरकार ने कुछ दवाओं जैसे Coldrif Syrup पर बैन जरूर लगाया है, लेकिन क्या केवल प्रतिबंध लगाने से मासूमों की जान बच पाएगी? स्थानीय लोगों का मानना है कि जब तक जिम्मेदार संस्थाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, ऐसी घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।