सीजी भास्कर, 06 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक बड़ा मुआवजा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि एनटीपीसी रेल लाइन के प्रभावित क्षेत्र के मूल नक्शे (Land Acquisition Scam ) में छेड़छाड़ कर अपात्र लोगों को मुआवजा दिलाया गया, जबकि वास्तविक पात्रों को उनका हक नहीं मिला। इस मामले में तत्कालीन पटवारी और आरआई की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। पीड़ितों ने जिला प्रशासन से लेकर वित्त मंत्री तक शिकायतें कीं, लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक जांच शुरू तक नहीं हो पाई है।
वर्ष 2014-15 में एनटीपीसी तिलाईपाली से लारा तक रेल लाइन के लिए भू-अर्जन की कार्रवाई की गई थी। इसी भू-अर्जन के दौरान ग्राम जुर्डा में राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों पर गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगा। शिकायतकर्ता का कहना है कि जमीन का स्थान बार-बार बदलकर फर्जी तरीके से मुआवजा बांटा गया। यह पूरा मामला (Land Acquisition Scam ) का जीता-जागता उदाहरण माना जा रहा है।
शिकायत और दस्तावेजों से खुला राज
ग्राम जुर्डा निवासी चंद्रमा भोय ने इस घोटाले की शिकायत करते हुए मूल नक्शे की सत्यापित प्रतियां भी प्रस्तुत की हैं। प्रतियों में स्पष्ट दिखता है कि किस तरह प्रभावित भूमि का स्थान अलग-अलग वर्षों में बदल दिया गया। पीड़ित ने कलेक्टर जनदर्शन से लेकर वित्त मंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही मिले। वित्त मंत्री ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया था, बावजूद इसके अब तक न तो कोई समिति गठित हुई और न ही जांच (Land Acquisition Scam ) शुरू हो पाई है।
क्या है पूरा मामला
शिकायतकर्ता चंद्रमा भोय के पिता अंकुर भोय की भूमि खसरा नंबर 293/3 और 293/8 में 0.429 हेक्टेयर थी। पिता की मृत्यु के बाद उनके बेटों उग्रसेन और सुरेशन ने जिला कलेक्टर को आवेदन दिया। जुलाई 2013 में अंकुर की पुत्रियों मून और सपना का नाम विवाद से हटा दिया गया। इसके बाद उसी गांव में खसरा नंबर 293/3 मूनलाइट भोय के नाम दर्ज हो गया।
293/8 खसरे में 0.081 हेक्टेयर भूमि मूल मानचित्र में पहले प्रभावित बताई गई थी, लेकिन बाद में उसे अप्रभावित घोषित कर दिया गया। आरोप है कि इसी गड़बड़ी के चलते प्रभावित भूमि के एवज में 28 लाख 40 हजार 141 रुपए मुआवजा और पुनर्वास के लिए 5 लाख रुपए उग्रसेन और सुरेशन को दे दिए गए। इससे वास्तविक पात्र पूरी तरह वंचित रह गए। यह पूरा घटनाक्रम (Land Acquisition Scam ) प्रशासनिक लापरवाही और मिलीभगत का बड़ा उदाहरण माना जा रहा है।
प्रशासन की सफाई
एसडीएम रायगढ़ महेश शर्मा ने कहा कि यदि शिकायत दर्ज हुई है तो निश्चित तौर पर जांच होगी। उन्होंने कहा—“फिलहाल दस्तावेजों को देखे बिना कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन शिकायत गंभीर है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जाएगा।”