सीजी भास्कर, 07 अक्टूबर | State Bar Council Election Counting (स्टेट बार काउंसिल इलेक्शन काउंटिंग) की तारीख तय हो चुकी है। 13 अक्टूबर से वोटों की गिनती शुरू होगी, जो 24 अक्टूबर तक चलेगी। मतपेटियों को सुरक्षित रखने के लिए हाईकोर्ट परिसर स्थित स्ट्रांग रूम बनाया गया है। गिनती सुबह 10:30 बजे से शुरू होकर शाम तक जारी रहेगी।
छह साल बाद हो रहा चुनाव
छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल का चुनाव छह साल बाद कराया गया है। लंबे समय से अधिवक्ताओं के कल्याण और संगठनात्मक काम अटके हुए थे। निर्वाचित प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति को लेकर वकीलों ने नाराजगी जताई थी। इसी बीच हाईकोर्ट में दायर एक याचिका के बाद चुनाव प्रक्रिया को गति मिली और अब वोटों की गिनती का इंतजार खत्म होने जा रहा है। ( State Bar Council Election Counting)
कोर्ट की सख्ती के बाद बनी राह
पिछले दिनों हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि बार काउंसिल चुनाव को लेकर पारदर्शिता और समयबद्ध प्रक्रिया जरूरी है। पहले जारी नोटिफिकेशन में जहां चुनावी अवधि 180 दिन तय थी, वहीं बाद में इसे घटाकर 45 दिन कर दिया गया। अदालत ने इस बदलाव पर सवाल उठाए थे। अब मतगणना की अधिसूचना जारी कर दी गई है।
मतगणना में लगेगी विशेष टीम
बार काउंसिल की ओर से कहा गया है कि वोटों की गिनती बेहद जटिल और समय लेने वाली है। इसी कारण 13 से 19 अक्टूबर तक काउंटिंग चलेगी। दीपावली अवकाश के कारण 20 से 22 अक्टूबर तक प्रक्रिया रुकी रहेगी और 24 अक्टूबर को फिर से शुरू होगी। पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। (State Bar Council Election Counting)
25 पदों पर हो रही वोटों की गिनती
इस बार चुनाव में 105 उम्मीदवार मैदान में थे और कुल 25 पदों के लिए वोटिंग हुई। 30 सितंबर को सुबह 9 बजे से शाम तक वोटिंग चली और प्रदेशभर के अधिवक्ताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सभी जिलों से मतपेटियां हाईकोर्ट परिसर स्थित स्ट्रांग रूम में लाकर रखी गईं।
सुपरविजन कमेटी करेगी निगरानी
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस चुनाव के लिए सुपरवाइजरी कमेटी बनाई है। रिटायर्ड जज जस्टिस चंद्रभूषण बाजपेयी को अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, सचिव अमित वर्मा मुख्य निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। पूरी मतगणना इन्हीं की देखरेख में होगी।
अगली सुनवाई 17 नवंबर को
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर तय की है। तब तक उम्मीद की जा रही है कि गिनती पूरी हो जाएगी और नतीजों का ऐलान भी हो जाएगा। अधिवक्ता समुदाय के लिए यह चुनाव बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से रुके फैसलों और वेलफेयर स्कीम्स का रास्ता अब खुल सकता है।