सीजी भास्कर, 7 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले में स्थित दमउदहरा (Damaudhara Waterfall)(जिसे स्थानीय लोग प्यार से दमाऊधारा भी कहते हैं) प्रकृति, श्रद्धा और इतिहास का अद्भुत संगम है। सक्ती-कोरबा मार्ग पर, सक्ती से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस स्थल तक पहुँचना बेहद आसान है। सड़क मार्ग से निजी वाहन या टैक्सी से यात्रा की जा सकती है। निकटतम रेलवे स्टेशन सक्ती, जबकि निकटतम हवाई अड्डा रायपुर स्थित है।
दमउदहरा का मुख्य आकर्षण इसका मनोरम जलप्रपात है, जो ऊँची चट्टानों से झरते हुए नीचे बहता है। बरसात के मौसम में यह झरना अपने पूर्ण सौंदर्य पर होता है — झरने की गूंजती आवाज़, चारों ओर फैली हरियाली और शीतल वातावरण पर्यटकों को ठहरने पर मजबूर कर देता है। आसपास के घने जंगल, प्राचीन गुफाएँ और पर्वतों की कतारें इसे रोमांच और प्राकृतिक फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए एक आदर्श स्थल बनाती हैं।
आस्था और आध्यात्मिकता का केंद्र
धार्मिक दृष्टि से दमउदहरा का महत्व और भी गहरा है। यहाँ राम-जानकी मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, ऋषभदेव जैन तीर्थंकर मंदिर, भगवान शिव-पार्वती मंदिर और हनुमान मंदिर जैसे कई पूजनीय स्थल (Damaudhara Waterfall) स्थित हैं। स्थानीय मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल में इस क्षेत्र में विश्राम किया था। इसी कारण यह स्थान “ऋषभ तीर्थ” नाम से भी प्रसिद्ध हुआ।
इतिहास की परतों में दमउदहरा
इतिहासकारों के अनुसार, यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति और धार्मिक परंपरा का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। इतिहासकार लोचन प्रसाद पांडेय द्वारा खोजा गया ‘गूंजी शिलालेख’ इस बात का प्रमाण है। इस शिलालेख में तत्कालीन शासन व्यवस्था, धार्मिक गतिविधियों और सामाजिक जीवन का वर्णन मिलता है, जो इस क्षेत्र की ऐतिहासिक गहराई को दर्शाता है।
मेला, परंपरा और अनोखी प्राकृतिक घटना
हर साल जनवरी महीने में यहाँ विशाल मेला आयोजित होता है। देशभर से श्रद्धालु और पर्यटक इस मेले में शामिल होते हैं। विशेष रूप से सूर्य ग्रहण के समय यहाँ का दृश्य अत्यंत अनोखा होता है — श्रद्धालु स्नान और पूजा-अर्चना करते हैं, और जैसे ही ग्रहण समाप्त होता है, जंगली बंदर घाटी में उतर आते हैं। यह दृश्य वर्षों से स्थानीय परंपरा और कौतूहल (Damaudhara Waterfall) का हिस्सा बना हुआ है।
पर्यटन और अनुभव का संगम
दमउदहरा आज न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि पिकनिक और पारिवारिक भ्रमण के लिए भी लोकप्रिय हो चुका है। झरने के किनारे बैठकर, हरियाली के बीच बिताए पल सुकून और शांति से भर देते हैं। मानसून के दिनों में यहाँ का स्नान अनुभव हर आगंतुक के लिए अविस्मरणीय बन जाता है।
दमउदहरा की पहचान
प्रकृति की सुंदरता, आस्था की गहराई और इतिहास की गवाही — तीनों का संगम दमउदहरा को छत्तीसगढ़ का एक विशिष्ट पर्यटन स्थल बनाता है। यह स्थल न केवल श्रद्धालुओं और यात्रियों को आकर्षित करता है, बल्कि स्थानीय संस्कृति, कला और अर्थव्यवस्था के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। यहाँ की पहाड़ियों से टकराती हवा, झरने की नमी और मंदिरों की घंटियों की ध्वनि — सब मिलकर ऐसा अनुभव देती हैं, जो मन में गूंजता रहता है।