सीजी भास्कर, 07 अक्टूबर। नंदनवन चिड़ियाघर रायपुर की बाघिन (Wild Animal Treatment) ‘बिजली’ को बेहतर उपचार के लिए गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा (जी.ज़ेड.आर.आर.सी.) भेजा जा रहा है। यह निर्णय वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर लिया गया है, ताकि (Tiger Health) बिजली का संपूर्ण और उन्नत इलाज संभव हो सके।
उल्लेखनीय है कि बाघिन ‘बिजली’ का जन्म वर्ष 2017 में हुआ था और वह जन्म से ही नंदनवन (Wild Animal Treatment) में रह रही है। वर्ष 2023 में उसने चार शावकों—तीन नर (पंचमुख, केशरी और मृगराज) और एक मादा (इंद्रावती)—को जन्म दिया था। अपनी फुर्ती, आकर्षक चाल और शाही अंदाज़ के कारण (Tiger Health) बिजली हमेशा पर्यटकों की पसंदीदा रही है।
अगस्त 2025 में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे भूख न लगना और दस्त की समस्या थी। प्रारंभिक जांच में पाचन संबंधी दिक्कतें पाई गईं, परंतु जब सुधार नहीं हुआ तो आगे की जांच में गुर्दे और गर्भाशय में संक्रमण (पायोमीट्रा) की पुष्टि हुई। यह स्थिति बड़ी बिल्लियों में एक गंभीर (Tiger Health) रोग मानी जाती है।
मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने बताया कि नंदनवन (Wild Animal Treatment) प्रबंधन ने वन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में जामनगर वंतारा की विशेषज्ञ टीम को रायपुर बुलाया। टीम ने 26 सितंबर से लगातार 10 दिनों तक बिजली का उपचार किया, पर जब और उन्नत चिकित्सा की जरूरत महसूस हुई, तब उसे जामनगर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) से अनुमति प्राप्त करने के बाद बाघिन ‘बिजली’ को 7 अक्टूबर को ट्रेन द्वारा वंतारा भेजा जा रहा है। पूरे सफर के दौरान पशु चिकित्सकों और विशेषज्ञों की टीम उसकी विशेष निगरानी करेगी।
वन विभाग के अनुसार, (Tiger Health) बिजली को जामनगर पहुंचने के बाद अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय में रखा जाएगा, जहाँ विशेषज्ञ डॉक्टर उसकी स्थिति पर लगातार नजर रखेंगे। विभाग ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही बिजली पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर फिर नंदनवन लौट सकेगी।