सीजी भास्कर,12 october रायपुर। Chhattisgarh Coal Scam Court Notice के बाद बड़ी हलचल मची है। रायपुर की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने EOW-ACB के निदेशक अमरेश मिश्रा, ASP राहुल शर्मा और एडिशनल SP चंद्रेश ठाकुर को नोटिस जारी किया है। अदालत ने उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया है क्योंकि आरोप है कि आरोपित निखिल चंद्राकर का बयान अदालत में पेश करने के बजाय एक पहले से टाइप किया गया दस्तावेज़ इस्तेमाल किया गया।
दस्तावेज़ों में पाया गया फॉन्ट और फॉर्मेट में मिलावट
कोर्ट के रिकॉर्ड में प्रस्तुत दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक जाँच में यह बात सामने आई है कि बयान उस फ़ॉर्मेट में नहीं था जो सामान्य अदालतों में उपयोग होता है। फॉन्ट और स्वरूप दोनों स्थानीय अदालतों के प्रचलित तरीकों से जुदा थे।
इससे शिकायतकर्ता गिरीश देवांगन ने जोरदार आरोप लगाया कि EOW/ACB ने अदालत को गुमराह किया है, और यह एक न्यायिक धोखाधड़ी है।
भूपेश बघेल ने सवाल उठाया, पारदर्शिता को चुनौती
घटना के उजागर होते ही पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर कहा,
“क्या अब जांच एजेंसियां झूठे बयान और तैयार किए दस्तावेज़ अदालतों में पेश करेंगी?”
उन्होंने इसे संवैधानिक और न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन कहा।
उनका कहना है कि अगर आरोप सही पाए गए तो यह न्यायपालिका की स्वायत्तता पर हमला है।
शिकायत की मांगें: CCTV, सबूत जांच और सख्ती की सजा
शिकायत में यह भी मांग की गई है कि कोर्ट CCTV फुटेज, मेल-रिकॉर्ड, और पूरा केस ट्रायल करवाए ताकि दोषियों का सच सामने आ सके।
शिकायतकर्ता का कहना है कि अगर निर्दोष अधिकारी हैं, तो उन्हें भी खुली सुनवाई में दोषमुक्त किया जाना चाहिए।
फैसल रिजवी का विश्लेषण: पहली घटना इस तरह के रूप में
वरिष्ठ अधिवक्ता फैजल रिजवी ने कहा कि पिछले वर्षों में ऐसे मामले कम ही सामने आये हैं। जब एक जांच एजेंसी अपना ही तैयार बयान कोर्ट में पेश करे, तो यह न सिर्फ़ अदालत से धोखा होगा बल्कि अधिकारियों की जवाबदेही को भी कमजोर करेगा।
उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 21 (न्याय प्राप्ति का अधिकार) का सीधा उल्लंघन बताया।
आगे की कार्यवाही: कोर्ट का रुख और जांच की दिशा
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी करने के बाद आगे की सुनवाई तय की है।
कोर्ट अब यह देखेगी कि EOW-ACB ने क्यों तैयार दस्तावेज़ को बयान के बजाय पेश किया, और क्या इसमें साजिश या धोखाधड़ी की भूमिका है।
जैसे-जैसे Chhattisgarh Coal Scam Court Notice आगे बढ़ेगा, यह मामला न्यायिक सुधार और जांच एजेंसियों की जवाबदेही पर एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।