सीजी भास्कर, 15 अक्टूबर। राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एक और बड़ी कार्रवाई की है। ब्यूरो ने आय से अधिक संपत्ति (Illegal Property Case) से जुड़े प्रकरण में मंगलवार को लगभग 8,000 पृष्ठों की विस्तृत चार्जशीट रायपुर स्थित विशेष न्यायालय में दाखिल की है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 13(1)(बी) और 13(2) के अंतर्गत की गई है।
परिवार के नाम पर खरीदी गईं 45 संपत्तियां
EOW की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि सौम्या चौरसिया ने अपने परिवारजनों और परिचितों के नाम पर लगभग 45 अचल संपत्तियों में बेनामी निवेश (Illegal Property Case) किया। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करीब 49 करोड़ 69 लाख 48 हजार 298 रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की, जो उनकी वैध आय से 1,872 प्रतिशत से अधिक है।
कोयला और डीएमएफ फंड से जोड़ा गया भ्रष्टाचार का तार
जांच में यह भी सामने आया कि सौम्या चौरसिया ने वर्ष 2019 से 2022 के बीच सबसे अधिक अवैध निवेश (Illegal Property Case) किया। इस दौरान उन्होंने कोयला परिवहन, डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) फंड और अन्य सरकारी प्रोजेक्ट्स से कथित रूप से अनुचित लाभ कमाए और इन पैसों को जमीनों और भवनों में निवेश किया।
अब तक का सबसे बड़ा मामला
EOW अधिकारियों ने बताया कि ब्यूरो के इतिहास में यह अब तक का सबसे बड़ा आय से अधिक संपत्ति (Illegal Property Case) का मामला है। जांच टीम ने सौम्या चौरसिया के बैंक खातों, संपत्ति रजिस्ट्रेशन दस्तावेज़, निवेश विवरण और फाइनेंशियल ट्रेल की गहन जांच की। जांच में जुटाए गए सभी प्रमाणों को एकत्र कर न्यायालय में विस्तृत चार्जशीट पेश की गई।
17 साल की सेवा में 50 करोड़ का निवेश
सौम्या चौरसिया 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी हैं। उनकी प्रथम नियुक्ति डिप्टी कलेक्टर, बिलासपुर में हुई थी। वर्ष 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के रूप में पदस्थ किया गया था। जांच के अनुसार, उनके 17 वर्ष के सेवाकाल में कुल वैध आय 2.51 करोड़ रुपये थी, जबकि उन्होंने लगभग 50 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति (Illegal Property Case) अर्जित की।