सीजी भास्कर, 18 अक्टूबर | छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे (Chaitanya Baghel Money Laundering Case) में नया मोड़ आ गया है। रायपुर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने चैतन्य बघेल की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने ईडी (ED) की कार्रवाई और अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया था। यह फैसला जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की अदालत ने सुनाया।
ED की कार्रवाई को माना वैध, कोर्ट ने दखल से किया इनकार
कोर्ट ने साफ कहा कि ईडी की जांच और गिरफ्तारी कानून के तहत की गई है, इसमें न्यायालय को हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने माना कि जांच एजेंसी ने उचित प्रक्रिया का पालन किया है। इस मामले में ईडी की ओर से एडवोकेट सौरभ पांडेय ने पैरवी की थी।
ED का दावा – चैतन्य बघेल को मिले 16.70 करोड़ रुपए (ED Allegations)
(Chaitanya Baghel Money Laundering Case) से जुड़ी ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, चैतन्य बघेल पर आरोप है कि उन्हें शराब घोटाले की रकम से 16.70 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। एजेंसी के अनुसार, यह रकम ब्लैक मनी के रूप में रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट की गई, जिसमें करीब 1000 करोड़ रुपए की लेनदेन (Layering of Funds) की बात सामने आई है।
‘विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट’ में हुई इन्वेस्टमेंट का खुलासा (Real Estate Investment Trail)
ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि चैतन्य बघेल के ‘विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट’ में घोटाले का पैसा लगाया गया। जब्त रिकॉर्ड्स में अकाउंटिंग में गड़बड़ी पाई गई। जांच में पता चला कि प्रोजेक्ट का वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ रुपए था, लेकिन रिकॉर्ड में केवल 7.14 करोड़ दिखाया गया। डिजिटल डिवाइस से यह भी खुलासा हुआ कि 4.2 करोड़ रुपए कैश पेमेंट ठेकेदार को किए गए, जो दस्तावेज़ों में नहीं दिखाए गए थे।
ED तक कैसे पहुंचा चैतन्य बघेल का नाम (ED Investigation Links)
ईडी की दलील है कि शराब घोटाले से जुड़े कई साक्ष्य और मोबाइल चैट्स के जरिए चैतन्य बघेल तक रकम पहुंचाई गई। वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि अनवर ढेबर, दीपेंद्र चावड़ा, केके श्रीवास्तव और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के ज़रिए पैसा चैनलाइज्ड होकर चैतन्य बघेल तक पहुंचता था। पप्पू बंसल के बयान ने भी इस कड़ी की पुष्टि की।
बचाव पक्ष बोला – बिना नोटिस गिरफ्तारी, राजनीतिक दबाव में कार्रवाई
चैतन्य के वकील फैजल रिजवी ने दलील दी कि 2022 से चल रही जांच के दौरान उनके मुवक्किल को एक भी समन नहीं भेजा गया। मार्च में रेड के वक्त सारे डॉक्यूमेंट और डिवाइस सौंप दिए गए थे, फिर भी बिना बयान लिए गिरफ्तारी की गई। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी केवल राजनीतिक दबाव और पूर्व सीएम के बेटे होने के कारण की गई है।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला? (Chhattisgarh Liquor Scam)
यह मामला छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित (Chhattisgarh Liquor Scam) से जुड़ा है, जिसकी जांच ईडी कर रही है। एजेंसी के मुताबिक, यह घोटाला करीब ₹3200 करोड़ रुपए से अधिक का है। इसमें राजनेता, कारोबारी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। ईडी का कहना है कि IAS अनिल टुटेजा, एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट ने इस घोटाले को अंजाम दिया था।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब आगे क्या? (Next Legal Step)
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब चैतन्य बघेल की कानूनी टीम के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प बचा है। हालांकि, ईडी की जांच और चार्जशीट में उन्हें मुख्य आरोपी बताया गया है। अब आगे देखना होगा कि यह (Chaitanya Baghel Money Laundering Case) किस दिशा में बढ़ता है।