सीजी भास्कर 23 अक्टूबर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से (UP Police Brutality) की एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ घर में घुसकर तोड़फोड़ की, बल्कि महिलाओं को बाल पकड़कर गली में घसीटा। पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी एक महिला को घसीटते हुए सड़क पर ला रहे हैं, जबकि घर के लोग चीखते-चिल्लाते रह जाते हैं।
दो पक्षों में विवाद बना पुलिस की बर्बरता की वजह
यह मामला दारानगर गंज क्षेत्र का है, जहां दो पक्षों में झगड़ा हुआ था। विवाद के बाद एक पक्ष के लोगों ने पुलिस को बुलाया, लेकिन पुलिस का रवैया निष्पक्ष होने के बजाय बर्बरता में बदल गया। बताया जा रहा है कि (UP Police Action) के नाम पर दरोगा और सिपाही शिवम नामक युवक के घर में घुस गए और वहां मौजूद लोगों पर लाठियां बरसा दीं।
मां और बहन को भी नहीं छोड़ा – बाल पकड़कर घसीटा गया
जब शिवम की बहन काजल और मां गीता ने पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया, तो (Police Violence on Women) का चेहरा सामने आया। पुलिस ने महिलाओं को भी बेरहमी से पीटा। वीडियो में एक दारोगा को गीता के बाल पकड़कर खींचते हुए देखा जा सकता है। पड़ोसियों ने यह पूरा वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया, जिसके बाद यह घटना चर्चा में आ गई।
पुलिस थाने में बंद युवक, न्याय की गुहार में मां-बेटी
शिवम को पकड़कर बिजनौर कोतवाली ले जाया गया है, जहां उसे लॉकअप में बंद किया गया। उधर, उसकी बहन और मां थाने के बाहर बैठकर न्याय की मांग कर रही हैं। काजल ने बताया कि उनका किसी विवाद से कोई संबंध नहीं था, उनका भाई तो बीमार होकर दवा खाकर सोया हुआ था, फिर भी पुलिस ने घर में घुसकर तोड़फोड़ की और उन्हें मारा-पीटा।
अधिकारियों ने दिया जांच का आदेश, कार्रवाई का भरोसा
घटना के बाद जब (Police Brutality Video) वायरल हुआ, तब प्रशासन हरकत में आया। एएसपी गौतम राय ने कहा है कि वीडियो की जांच कराई जा रही है और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब पुलिस ने इस तरह का बर्ताव किया हो — लेकिन इस बार वीडियो के सबूत ने पूरे तंत्र को सवालों के घेरे में ला दिया है।
सोशल मीडिया पर गुस्सा – “कानून की रखवाली या कानून का मज़ाक?”
घटना के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर #UPPoliceBrutality ट्रेंड करने लगा। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुलिस ही आम लोगों को डराने लगे तो इंसाफ की उम्मीद कौन करेगा? लोगों ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं से पुलिस की छवि पर गहरा दाग लगता है, और अगर सख्त कदम नहीं उठाए गए तो जनता का भरोसा खत्म हो जाएगा।
बिजनौर में जो हुआ, उसने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि (UP Police Brutality) आखिर कहां तक पहुंचेगी। कानून की रक्षा करने वाली वर्दी जब खुद अत्याचार का प्रतीक बन जाए, तो समाज में डर नहीं, असंतोष बढ़ता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन सिर्फ बयानबाज़ी तक सीमित रहता है या इस बार कुछ ठोस कदम भी उठाता है।