सीजी भास्कर, 23 अक्टूबर। विकासखंड अंतर्गत ग्राम तालदेवरी गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर हसदेव नदी (Hasdeo River Cows) के एनीकेट तट पर करीब 200 गायों को कांटेदार तार से घेरकर कैद कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने अपनी फसलें बचाने के लिए इन बेजुबानों को इस तरह बंद कर रखा है, मानो उन्होंने कोई गंभीर अपराध किया हो।
मौके पर पहुंची गौ-सेवा से जुड़ी टीम ने बताया कि गायों के खाने और पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। कई गायें भूख-प्यास से तड़प रही हैं, जबकि कई घायल अवस्था में जमीन पर पड़ी हैं। कुछ गायों की मौत भी हो चुकी है।
ग्रामीणों पर यह भी आरोप है कि मृत गायों (Hasdeo River Cows) को हसदेव नदी में फेंक दिया गया है। यह अमानवीय कृत्य हर वर्ष इसी तरह दोहराया जाता है, जब गांव वाले अपनी फसलें बचाने के लिए गायों को अस्थायी “कैद” में डाल देते हैं। स्थिति की जानकारी मिलने पर बम्हनीडीह के गौ-रक्षक विश्वास सराफ और उनकी टीम के युवकों ने मौके पर पहुंचकर लगभग 30 घायल गायों का उपचार किया।
विश्वास सराफ ने बताया कि गायों (Hasdeo River Cows) की स्थिति अत्यंत दयनीय थी, कईयों के गले और पैरों में बंधी रस्सियों से गहरे घाव हो गए थे। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अमानवीय प्रथा पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे दृश्य दोबारा न देखने पड़ें।
युवकों ने पेश की मानवता की मिशाल
टीम में विश्वास सराफ के साथ युवराज सिंह चंदेल, चितरंजन ठाकुर, रोहन प्रजापति, रुद्र प्रताप सिंह चंदेल, आर्यन जायसवाल, राहुल आदित्य, लक्की चौहान, त्रिशांत साहू, नितिन मांझी, शनि केवट, सौरभ यादव, विकास तिवारी, अनूप पटेल, नसीब केवट और मिथुन पटेल शामिल थे। इन युवाओं ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए घायल गायों को उपचार देकर नई जिंदगी दी।