रायपुर : राजधानी के नवा रायपुर क्षेत्र स्थित Blue Water Khadan Raipur Tragedy (ब्लू वाटर खदान) में डूबे दो स्कूली छात्रों का शव रविवार सुबह SDRF टीम ने बरामद किया। लगभग 36 घंटे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दोनों परिवारों का इंतज़ार खत्म हुआ, लेकिन पूरे इलाके में मातम पसर गया।
घूमने निकले थे दोस्त, पानी में उतरते ही गुम हो गए
घटना 31 अक्टूबर की शाम की है जब टाटीबंध के एक निजी स्कूल के नौ छात्र छुट्टी के बाद Blue Water Khadan Raipur घूमने पहुंचे थे। वहां दो छात्र—जयेश साहू और मृदुल—नहाने के लिए पानी में उतरे, लेकिन कुछ ही मिनटों में वे गहरे हिस्से में फंस गए। दोस्तों ने बचाने की कोशिश की, पर पानी की गहराई और फिसलन ने हालात बिगाड़ दिए।
रातभर चला रेस्क्यू, अंधेरे ने बढ़ाई मुश्किलें
सूचना मिलते ही माना थाना पुलिस और SDRF (State Disaster Response Force) की टीम मौके पर पहुंची। गोताखोरों ने तुरंत खोज अभियान शुरू किया, लेकिन रात का अंधेरा और तेज हवा ने ऑपरेशन को रोकने पर मजबूर कर दिया। अगले दिन सुबह से फिर खोजबीन शुरू हुई और शनिवार को जयेश का शव मिला। मृदुल की तलाश जारी रही, जिसे रविवार सुबह पानी से बाहर निकाला गया।
Blue Water Khadan Raipur Tragedy : 2017 से अब तक नौ लोगों की जा चुकी है जान
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, Blue Water Khadan Raipur में यह कोई पहली घटना नहीं है। 2017 से अब तक यहां डूबने की वजह से नौ लोगों की मौत हो चुकी है। यह खदान बारिश के बाद झील जैसी दिखने लगती है, जिसके नीले रंग के पानी की वजह से इसे “ब्लू वाटर” कहा जाता है। हालांकि, इसकी गहराई कई जगहों पर 40 फीट से अधिक बताई जाती है, जो किसी भी तैराक के लिए खतरनाक हो सकती है।
सुरक्षा इंतज़ाम नदारद, प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने कई बार चेतावनी के बावजूद अब तक यहां Safety Barricade (सेफ्टी बाउंड्री) या गार्ड की नियुक्ति नहीं की है। इलाके के ग्रामीणों ने कहा कि जब तक यहां चेतावनी पट्टिका, सीमांकन और निगरानी नहीं होगी, ऐसे हादसे रुकने वाले नहीं हैं।
परिजनों में कोहराम, इलाके में शोक का माहौल
दोनों छात्रों के शव Postmortem (पोस्टमॉर्टम) के लिए भेजे गए हैं। परिवारों में गम का माहौल है और पूरे टाटीबंध इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि अब इस खदान को पर्यटक स्थल की तरह नहीं बल्कि खतरनाक क्षेत्र घोषित किया जाए, ताकि भविष्य में कोई और बच्चा अपनी जान न गंवाए।
