Unseasonal Rain Impact in Raipur : रायपुर में तूफान और बारिश का कहर, खेतों में तबाही का मंजर
Unseasonal Rain Impact in Raipur : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हाल ही में आए (Montha Storm) और (Unseasonal Rain Impact) ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
शहर के आसपास के इलाकों — बनरसी, माना बस्ती और धरसींवा — में धान की खड़ी फसलें झुकी पड़ी हैं। किसानों की मेहनत महीनों में जो हरी-भरी फसल बनी थी, वह अब कीचड़ में समाई दिखाई दे रही है।
खेतों में ‘सो गई’ फसल, कटाई बनी चुनौती
लंबे तनों वाली धान की फसल खेतों में पूरी तरह गिर चुकी है। किसान अब (Paddy Crop Damage) से जूझ रहे हैं।
बनरसी गांव के किसान मायाराम साहू बताते हैं — “बारिश और तूफान ने खेतों का बेड़ा गर्क कर दिया। जहां फसल खड़ी थी, वहां नीचे के दाने सड़ने लगे हैं।”
मायाराम के परिवार की जीविका का आधार यही खरीफ फसल है। उन्होंने बताया कि करीब नौ एकड़ में बोई गई धान में से लगभग 25% फसल अब पूरी तरह खराब हो चुकी है।
Unseasonal Rain Impact in Raipur : प्रशासन की चुप्पी से नाराज़ किसान
किसानों का कहना है कि अब तक प्रशासन की ओर से कोई सर्वे नहीं हुआ है। खेतों का निरीक्षण करने न तो कृषि अधिकारी आए हैं, न ही राजस्व विभाग के कर्मचारी।
मायाराम साहू ने कहा, “अगर जल्द सर्वे नहीं हुआ तो (Crop Insurance Compensation) भी मुश्किल हो जाएगा। बीमा कंपनी को नुकसान का प्रमाण चाहिए, पर कोई सर्वे शुरू ही नहीं हुआ।”
गांव के अन्य किसानों ने भी यही चिंता जताई कि अगर अगले कुछ दिनों में फिर बारिश हुई, तो बची-खुची फसल भी सड़ जाएगी।
विभागों की तैयारी, सर्वे जल्द शुरू करने का दावा
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित गांवों में संयुक्त सर्वे की तैयारी चल रही है।
कृषि, राजस्व और पंचायत विभाग मिलकर नुकसान का आंकलन करेंगे और बीमा कवरेज के आधार पर मुआवजा घोषित करेंगे।
हालांकि ग्रामीणों को डर है कि यह प्रक्रिया धीमी है और फसल पूरी तरह खराब होने से पहले उन्हें मदद नहीं मिलेगी।
Unseasonal Rain Impact in Raipur : मौसम विभाग की चेतावनी से बढ़ी किसानों की चिंता
मौसम विभाग ने रायपुर समेत आसपास के क्षेत्रों में अगले 24 घंटे तक (Cloudy Weather Alert) जारी किया है।
अगर दोबारा बारिश होती है, तो खेतों में पानी भर जाएगा और धान के नीचे पड़े दाने पूरी तरह सड़ जाएंगे।
किसान अब उम्मीद कर रहे हैं कि कुछ दिनों तक धूप निकले, ताकि वे गिरी फसल को सुखाकर कुछ नुकसान की भरपाई कर सकें।
खेतों में दिन-रात जद्दोजहद
बेमौसम बारिश के बाद किसानों ने खेतों में डेरा डाल दिया है। कोई गिरी फसल को सीधा करने में जुटा है, तो कोई पानी निकालने के लिए नालियां बना रहा है।
मायाराम साहू जैसे किसानों की आंखों में थकान भी है और उम्मीद भी — “अगर दो दिन धूप मिल जाए, तो शायद भगवान कुछ बचा ले।”
