सीजी भास्कर, 4 नवंबर। राजधानी रायपुर में सूदखोरी और वसूली के चर्चित वीरेंद्र और रोहित तोमर केस (Tomar Brothers Case Raipur) में बड़ा अपडेट सामने आया है। हाई कोर्ट ने आरोपित सूदखोर भाई वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोनों 154 दिन से फरार हैं और पुलिस अब तक उनकी तलाश में नाकाम रही है।
इससे पहले स्थानीय कोर्ट ने उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था, जबकि एसएसपी रायपुर ने दोनों की गिरफ्तारी पर पांच-पांच हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
तेलीबांधा थाने में मारपीट और पुरानी बस्ती थाने में सूदखोरी के मामलों में फंसे वीरेंद्र और रोहित तोमर पर कई गंभीर आरोप हैं। दोनों भाइयों के खिलाफ सूदखोरी, धमकी, वसूली, हत्या की कोशिश और मारपीट के मामले दर्ज हैं। दोनों के फरार होने के बाद पुलिस ने रायपुर और आसपास के कई जिलों में छापेमारी की, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला। इस बीच दोनों भाइयों ने अदालत में जमानत की गुहार लगाई, परंतु हाई कोर्ट ने सबूतों की गंभीरता को देखते हुए राहत देने से इंकार कर दिया।
फरारी के बावजूद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया
फरार रहने के बावजूद पुरानी बस्ती पुलिस ने करीब दो माह पहले कोर्ट में 2,200 पन्नों की चार्जशीट पेश कर दी। इस चालान में शुभ्रा सिंह तोमर, भावना तोमर, दिव्यांश सिंह, बंटी सहारे और जीतेंद्र देवांगन को आरोपी बनाया गया है, जबकि वीरेंद्र और रोहित तोमर को फरार बताया गया है। पहली चार्जशीट में दोनों भाइयों के नाम शामिल नहीं थे, लेकिन पुलिस के अनुसार पूरक चालान उनकी गिरफ्तारी के बाद दाखिल किया जाएगा। जांच टीम का कहना है कि इस पूरे (Tomar Brothers Case Raipur) में वित्तीय लेन-देन और संपत्ति संबंधी कई नए दस्तावेज सामने आए हैं, जिनकी जांच जारी है।
एक महीने में दर्ज हुई सात एफआईआर, भारी संपत्ति जब्त
रोहित तोमर के खिलाफ पहली एफआईआर जून में तेलीबांधा थाने में प्रॉपर्टी डीलर दसमीत चावला की शिकायत पर दर्ज की गई थी। इसके बाद पुरानी बस्ती थाने में सूदखोरी और धमकी के छह और मामले दर्ज हुए। यानी महज एक महीने में दोनों भाइयों के खिलाफ सात एफआईआर दर्ज की गईं। छापेमारी के दौरान पुलिस ने उनके घर से 35 लाख रुपये नकद, 70 तोला सोना, 125 ग्राम चांदी और चार कारें जब्त की हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फरारी के दौरान दोनों भाई कानूनी दांव-पेंच अपनाकर कार्रवाई को टालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। जांच एजेंसियों ने दोनों के संभावित ठिकानों की निगरानी शुरू कर दी है और सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर नए सिरे से छापेमारी की तैयारी है।
पुलिस टीम पर दबाव, गिरफ्तारी के आदेश फिर हुए सख्त
154 दिन से फरार दोनों भाइयों की गिरफ्तारी को लेकर रायपुर पुलिस पर दबाव बढ़ गया है। वरिष्ठ अधिकारियों ने निर्देश दिया है कि दोनों आरोपितों को जल्द गिरफ्तार कर पूरक चालान पेश किया जाए। सूत्रों के अनुसार, पुलिस को संदेह है कि दोनों भाई राज्य से बाहर फरारी काट रहे हैं। रायपुर पुलिस ने इंटर-स्टेट कोऑर्डिनेशन के तहत अन्य राज्यों के पुलिस मुख्यालयों से संपर्क किया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि (Tomar Brothers Case Raipur) में शामिल अन्य सहयोगियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है।
