सीजी भास्कर, 5 नवंबर। बॉलीवुड एक्टर गोविंदा ने अपनी पत्नी सुनीता आहूजा द्वारा अपने पारिवारिक पंडित को लेकर की गई टिप्पणी पर सार्वजनिक माफी मांगी है। अभिनेता ने अपने बयान में (Govinda apology statement) स्पष्ट किया कि उनके परिवार और पंडित मुकेश शुक्ला के बीच वर्षों पुराना आत्मीय संबंध है।
4 नवंबर को जारी वीडियो में गोविंदा ने कहा आदरणीय पंडित मुकेश शुक्ला जी अत्यंत योग्य, प्रमाणिक और बड़े गुणी व्यक्ति हैं। यज्ञ-विधि, संस्कार और कर्मकांड की गहरी समझ रखने वाले ऐसे विद्वान आज बहुत कम हैं। मेरे घर-परिवार का उनसे वर्षों पुराना संबंध रहा है। मेरी धर्मपत्नी ने उनके विषय में जो अपशब्द कहे, उसके लिए मैं दिल से क्षमाप्रार्थी हूं और उनका खंडन करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि “पंडित मुकेश जी और उनका परिवार मेरे कठिन समय में मेरे साथ रहा है। मैं उनका हृदय से सम्मान करता हूं। गोविंदा के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर (Bollywood controversy) की चर्चा तेज हो गई है।
सुनीता आहूजा की टिप्पणी से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद तब शुरू हुआ जब सुनीता आहूजा ने अभिनेता पारस छाबड़ा के साथ एक पॉडकास्ट में अपने घर के पुजारी पर टिप्पणी कर दी। बातचीत के दौरान पारस ने कहा “हर ज्योतिषी सही नहीं होता। इस पर सुनीता ने जवाब दिया हमारे घर में भी एक है, गोविंदा का पुजारी। वो पूजा करवाते हैं और दो लाख रुपए लेते हैं। सुनीता ने आगे कहा “भगवान आपके अपने हाथों से की गई पूजा स्वीकार करते हैं, मैं किसी को पैसे देकर भक्ति नहीं करती।” उनके इस बयान के बाद इंटरनेट पर (celebrity reaction) की बाढ़ आ गई और लोग उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल करने लगे।
गोविंदा की विनम्रता ने जीता दिल
गोविंदा ने जैसे ही माफी का वीडियो जारी किया, प्रशंसकों ने उनकी शालीनता की तारीफ शुरू कर दी। उन्होंने पत्नी की गलती का जिम्मा खुद लेते हुए कहा कि “किसी के प्रति अपमान मेरे संस्कारों में नहीं है।” सोशल मीडिया पर फैंस ने लिखा “यही हैं असली हीरो, जो गलती मानकर माफी मांगने में संकोच नहीं करते।” इस कदम ने गोविंदा की छवि को और मजबूत किया है और दिखाया कि वे सिर्फ पर्दे पर नहीं, बल्कि असल ज़िंदगी में भी संस्कारी इंसान हैं।
धार्मिक वर्ग ने जताई नाराजगी
पॉडकास्ट में सुनीता आहूजा की टिप्पणी के बाद धार्मिक समुदाय ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कई संगठनों का कहना है कि “किसी भी पुजारी या ज्योतिष पर इस तरह बोलना उचित नहीं।” कुछ लोगों ने इसे श्रद्धा पर प्रहार बताया और कहा कि इस बयान से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। हालांकि, गोविंदा के तुरंत माफी मांगने के बाद माहौल कुछ शांत हुआ। लोगों ने कहा कि उनका यह कदम रिश्तों को संभालने और संस्कारों की मर्यादा बनाए रखने का उदाहरण है।
